अहम सवाल वक्फ और मंदिर की भूमि के मालिक कौन?
संवाददाता
वक्फ और मंदिर की भूमि
1. वक्फ का मालिक अल्लाह होता है।
मंदिर का मालिक पुजारी होता है।
2. वक्फ को कभी भी किसी को बेचा नहीं जा सकता।
मंदिर की प्रॉपर्टी को पुजारी निलाम कर सकता है।
3. वक्फ का प्रथम लाभार्थी मुस्लिम समाज एवं अंतिम लाभार्थी पूरी मानवता होती है।
मंदिर का पहला एवं अंतिम लाभार्थी केवल और केवल पुजारी होता है।
4. वक्फ की आय दरिद, निशक्त, अनाथ, विधवा असहाय के लिए होती है।
मंदिर का पूरा धन व आय पंडित के पेट में जाता है।
5. वक्फ की प्रॉपर्टी स्कूल, कालेज, अनाथालय, अस्पताल, कब्रस्तान, बगीचा, विश्राम गुह, मस्जिद, मदरसा, कुंआ, बावड़ी, खेल-मेदान, एवं खेत हैं।
मंदिर की प्रॉपर्टी पर केवल ब्रह्मणों के लिए गुरुकुल चलाए जा सकते हैं।
6. सभी मुस्लिम भूमि या पैसा वक्फ करते हैं।
कभी भी कोई पूजारी ज़मीन या पैसा दान नहीं करता है। अधिकतर ज़मीन पिछड़ा वर्ग की है।
7. वक्फ में समस्त मुस्लिम समाज की जातियों एवं वर्गों का प्रतिनिधित्व होता है। अधिकतर मौलाना मुस्लिम पसमांदा समाज से होते हैं।
मंदिर में केवल और केवल ब्राह्मण राज होता है। राममंदिर केवल और केवल ब्राहमण ट्रस्ट है।
8. वक्फ भूमि पर सभी मुस्लिम समाज के लोग आ जा सकते हैं।
मंदिर में दलित, आदिवासी, अति पीछा वर्ग की जातियों का प्रवेश निषेध होता है।
9. वक्फ में कोई भी मुस्लिम वर्ग का व्यक्ति मौलाना बन सकता है।
मंदिर में केवल ब्राह्मण ही पुजारी बन सकता है। और यजमान भी केवल स्वर्ण हीं बन सकता है।
10. मस्जिद में राजा हो या रंक सबको साथ खड़ा होना पड़ता है।
पूजा में सबसे आगे ब्राह्मण फिर सवर्ण उसके बाद प्रभावशाली पिछड़ी जाति एवं अन्य वर्ग मंदिर का दूर से भी दर्शन नहीं कर सकते।
11. वक्फ मुस्लिम समाज के नियंत्रण मे पुणत सार्वजनिक निकाय होता है।
अधिकतर मंदिर निजी या ब्राम्हण नियंत्रित ट्रस्ट होते हैं।
12. वक्फ की कुल संपत्ति सच्चर अनुसार 6 लाख एकड़ है।
देश में सबसे अधिक पुजारीयों के कब्जे़ में 25 लाख एकड़ से अधिक भुमि है। तमिलनाडु में 478000 और आंधप्रदेश में 468000 एकड़।
संवाद;अफजल इलाहाबाद