इस केंद्रीय मंत्री ने पूर्व सांसद के पी यादव से किस तरह और क्यों लिया बदला, गद्दारी के ट्वीट पर मची खलबली,जानिए क्या है पूरा मामला!
मध्य प्रदेश
संवाददाता
मध्य प्रदेश की राजनैतिक सियासत में वर्चस्व की जंग, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व सांसद केपी यादव से ले लिया बदला ! ग़द्दारी के ट्वीट ने मचाई खलबली.
पंकज पाराशर छतरपुर
मध्य प्रदेश में राज्यसभा सीट को लेकर राजनैतिक हल्कों में हलचल मच गई है। मध्य प्रदेश की इकलौती राज्यसभा सीट के लिए हो रहे चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। एमपी विधानसभा में संख्या बल को देखते हुए उनका जीतना तय है।
मूलत: केरल के जॉर्ज कुरियन को बीजेपी ने मंगलवार को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। राज्यसभा सीट के लिए बीजेपी के प्रदेश के कई बड़े नेता लाइन में लगे थे जिनमें केपी यादव सर्वप्रमुख थे। यादव को राज्यसभा की टिकट नहीं दिए जाने पर कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर करारा वार किया है। एमपी कांग्रेस ने इस संबंध में ट्वीट किया है जिससे राजनैतिक हल्कों में हलचल मच गई है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा से त्यागपत्र दे दिया था। सिंधिया के इस्तीफे से खाली हुई इस सीट पर सबसे प्रबल दावेदारी केपी यादव की थी। दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा का चुनाव लड़ाने के लिए तत्कालीन गुना सांसद केपी यादव की सीट की ही बलि ली गई थी।
बीजेपी ने सांसद केपी यादव की जगह ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना से अपना उम्मीदवार बनाया।
तब पार्टी नेताओं ने यादव को कहीं और एडजस्ट करने का आश्वासन दिया था। जब सिंधिया ने राज्यसभा सीट खाली की तो सहज रूप से केपी यादव की दावेदारी सामने आई लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राज्यसभा के लिए भी पूर्व सांसद यादव का दावा दरकिनार कर दिया गया। इस मुद्दे पर जहां बीजेपी मौन है वहीं कांग्रेस मुखर हो गई है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने पूर्व सांसद केपी यादव को राज्यसभा की टिकट नहीं दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला किया है। कांग्रेस का कहना है कि इसी के साथ सिंधिया ने केपी यादव से बदला ले लिया है। कांग्रेस ने इस संबंध में ट्वीट भी किया।
कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा :
सिंधिया ने केपी यादव से बदला लिया,
गुना लोकसभा से ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले केपी यादव का पहले लोकसभा टिकट काटा गया, उसके बाद राज्यसभा जाने से भी रोक दिया गया।
मोहन यादवजी, एक यादव नेता पर अत्याचार होता रहा और आप मूकदर्शक बने रहे ?
अपनों से ग़द्दारी जारी है, ग़द्दारी की उन्हें बीमारी है।