इस साल मार्च के आखरी तक अदानी पर कितना रहा कर्ज का बोझ

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

मोदी जी के चहेते अदाणी पर कितना क़र्ज़ है? 31/03/2024 तक के क़र्ज़ पर अदाणी ग्रुप के आंकड़े..(सोर्स : अदाणी बैलेंसशीट)

इस के पहले जान लीजिए कि 2014 में अदाणी का क़र्ज़ लगभग 72,000 करोड़ था..सफ़र जारी है।
2.41 लाख करोड़ क़र्ज़ 2024
– 1 लाख करोड़ क़र्ज़ 2019 में था।
– या’नि 5 साल में क़र्ज़ दोगुना से ज़्यादा।

2.22 लाख करोड़ क़र्ज़ लॉन्ग टर्म है।
सिर्फ़ 20,000 करोड़ वर्किंग कैपिटल है।

41% भारतीय क़र्ज़ है।
29% विदेशी क़र्ज़ है।
26% क़र्ज़ विदेशी बैंकों का है।
4% क़र्ज़ दूसरे सोर्स हैं।

क़र्ज़ देने वाले कुछ बैंकों के नाम

SBI, CBI, BOB, PNB, UBI, REC, IDBI, BOI, ICICI, Axis, RBL bank, IndusInd, IDFC First Bank वग़ैरह..विदेशी बैंकों का नाम नहीं लिखा..

LIC का एक्सपोज़र लगभग 36,000 करोड़ है।इस में क़र्ज़ लगभग 5800 करोड़ है।.बाक़ी शेयर है।

बड़े क़र्ज़ देने वाले, सिर्फ़ कुछ नाम

– 27,000 करोड़ SBI ने दिया।
– 7000 करोड़ PNB ने दिया।
– 7000 करोड़ REC ने दिया।
– 5380 करोड़ BOB ने दिया।
– 9220 करोड़ Axis ने दिया।

मैंने पूरी रिपोर्ट का एक छोटा सा हिस्सा लिखा है ताकि मेसेज सबको समझ आए।आप अदाणी की वेबसाइट पर तफ़्सील से पढ़ सकते हैं।

अदाणी के पास क्या है? :

एयरपोर्ट, पोर्ट, सरकारी ज़मीन :- पर अदाणी इन्हें बेच नहीं सकता। अस्ल में इन की क़ीमत ज़ीरो है।ये ग़ुब्बारा है।

अदाणी के पास सीमेंट, सोलर, वेज़टेबल ऑइल वग़ैरह भी है..इनकी अच्छी क़ीमत है..पर क्या क़र्ज़ चुकाने के लिए काफ़ी है? I dnt Know.

आज अगर बैंक अदाणी से क़र्ज़ का सिर्फ़ 25% हिस्सा भी वापिस मांग ले तो क्या अदाणी ग्रुप पेमेंट करने की हैसियत रखता है?..जवाब ख़ुद सोचिए..

अदाणी का धंधा सरकारी रहम ओ करम पर है।सरकार की पॉलिसी अदाणी को चला रही है।.जिस रोज़ पॉलिसी तब्दील होगी, उस रोज़ क्या होगा यह आप सोचिए..राहुल गांधी आला रे आला!

इस वक़्त हम हिंदुस्तानी ‘अवाम एक ‘अजीब दौर और भरपूर नशे की हालत से गुज़र रहे हैं।पहले भी इस का नतीजा लिख चुका हूँ।अब मैं भी बेसब्री से नतीजे का इंतिज़ार कर रहा हूँ।

संवाद; कृष्णन अय्यर,पिनाकी मोरे भारतजोड़ो न्याययात्रा

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