ओह कौन है जिसने पीएम पर अब तक के सबसे बड़ा हमला बोलते , नोटबंदी को बताया मोदी के अंत की शुरुआत ?
रिपोर्टर,
नोट बंदी के फैसले के बाद से अभी तक विपक्ष का लगातार विरोध झेल रहे पीएम मोदी के खिलाफ अब अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने भी विरोध करना शुरु कर दिया है!
हिंदू महासभा ने पीएम मोदी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया है। दरसअल, अखिल भारतीय हिंदू महासभा के वरिष्ठ सदस्यों ने नोटबंदी के फैसले को लेकर कहा है कि पीएम मोदी का ये फैसला उनके अंत की शुरुआत है?
महासभा ने यह आरोप भी लगाया कि नोटबंदी को हिंदुओं की शादी के कैलेंडर की शुरुआत से ठीक पहले लागू किया गया और वहीं दूसरी तरफ BJP के सदस्य देशभर में इस्लामिक बैंकों को प्रोत्साहन दे रहे थे !
पीएम मोदी पर इतना बड़ा हमला बोलने वाली महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पाण्डेय का कहना है कि अभी तक इस योजना के मकसद की जानकारी नहीं लग पाई है।
उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी की वजह से 200-300 रुपये की दिहाड़ी कमाने वाले गरीब लोग हों या फिर सरकारी पेंशन पर गुजर-बसर करने वाले लोगों को मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं!
अमीरों पर इस फैसले का असर पड़ा हो, ऐसा नहीं लगता है?’
नोटबंदी लागू किए जाने के समय पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘इसके अलावा, यह योजना हिंदू शादी कैलेंडर शुरू होने से ठीक पहले लागू की गई।
हजारों परिवारों को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे उधार लेने पड़े। कई लोगों को तो शादी की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी! कई लोगों ने तो शादियों को रद्द तक कर दिया!
वहीं दूसरी तरफ खुद को हिंदुत्व पार्टी बताने वाली पार्टी के नेता देश में इस्लामिक बैंक को प्रोत्साहन देने में व्यस्त थे!
महासभा के सदस्यों ने PM मोदी पर ‘फर्जी सर्जिकल स्ट्राइक’ के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया?
उत्तर प्रदेश में संगठन के प्रवक्ता अशोक कुमार पाण्डेय ने कहा, ‘सीमा पार से निर्यात हो रहे आतंकवाद में तेजी आई है। हर दिन सीमा पर होने वाले हमलों में हमारे जवान मर रहे हैं। अगर सच में कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुआ, तो देश को इससे कोई फायदा नहीं पहुंचा’!
PM मोदी को ‘आक्रामक’ समर्थकों को निशाना बनाते हुए पाण्डेय ने कहा, ‘इन लोगों ने प्रधानमंत्री की योजनाओं का विरोध करने वाले लोगों को देशद्रोही कहकर देश भर में डर का मनोविज्ञान कायम कर दिया है!
ऐसे में नकद की कमी के कारण काफी असुविधा झेल रहे आम आदमी के पास इस योजना का गुणगान करने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है ?