किसी भी मजहब से बेतुकी नफरत नही है हमे पर इन्हे हमारे नबी S A S से जहर उगलने वाली नफरत क्यों? पहले अपनी गरेबान में झांके और अपनी औकात पर तवज्जो दे
लेकिन हमारे पैगंबर नबी ए पाक सरकार ए दो जहां S A S के बरेमे उनकी शान में गुस्ताखियां करने की नाहक कोशिश करे, अगर कोई नाचीज़ बंदा जिसकी कोई औकात नही है, पैगंबर साहेबा की किरदार में दाग लगाने की मजाक करे तो हमारे लिए ये बर्दाश्त नहीं है। ऐसे मौजू पर हमारी भी जवान को कोई रोक नहीं सकता।
आज के कश्मोकश राजनीति के दौर में कुछ नीच और शरारती तत्व के लीडर,सुपारी बाज सम्राट जो खुद को फेमस होने हेतु अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश में लगे हुए है उन्हे हमारी तरफ से चुनौती है कि वो अपने नाकाबिल बुराइयां वाले नापाक इरादों में कभी कामयाब नही होंगे। ऐसे में किसी पक्ष,या किसी दल का बेतुका सहारा लेकर हमारे नबी ए पाक के खिलाफ अनाफ शनफ टिप्पणी करने वाले एक ढोंगी बाबाने गोबर खाकर जो कुछ बोला है बुस्को कुछ बाते उसकी आंखे खोल देने के लिए हमे मजबूर होना पड़ रहा है। अपनी आंखे खोल कर पढ़े और समझने की कोशिश करे कि हमारे पैगंबर के खिलाफ कुछ गलत इल्जाम लगाने से पहले अपनी गिरबान में खुद झांक देने की जरूरत समझकर बोलने से अपनी जबान पर काबू रख कर बोलना चाहिए था।जिसकी वजह से मुस्लिम समुदाय के दिलों पर B बेहद चोट,बड़ी ठेस लगी है।ये ओ अमन और शांति मजहब है जो किसी भी आयरे गैरो की नफरती बात को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। इस लिए अब बताया जा रहा है कि..
तत्कालीन समाजव्यवस्था बालविवाह हो या सतीप्रथा हो इस पर एक नजर फरमाए खास कर
हिंदू धर्मग्रंथ बालविवाह को लेकर अनेक उदाहरण और मिसालें मौजूद है जिसमे कुछ तफसील से कुछ जानकारी इस तरह
रामायण:
भगवान राम और सीतामय्या जी जा विवाह एक बालविवाह ही है . सीता 7 वर्षा की थी जब उनका भगवान राम से विवाह संपन्न हुआ था।
यहां बताते चले कि सीता माता से जब विवाह हुआ था तब भगवान राम 18 वर्ष के थे।
अब बात करते है महाभारत की
अर्जुन और गिरिजा जी से विवा हुआ वह भी बालविवाह कहलाया जायेगा। अर्जुन जी से शादी रचाई गई तब गिरिजा केवल 6 वर्ष की उम्र वाली बालिका थी।
– भीम और हिरण्यवंती का विवाह भी बालविवाह रहा है। हिरण्यवंती का विवाह भीम से रचाया गया तब तेव्हा वह महज सात बरस की बालिका थी।
अब पुराण का इतिहास
भगवान विष्णू और लक्ष्मी जी का भी विवाह बालविवाह था। भगवान विष्णू जी से विवाह हुआ तब लक्ष्मी जी उम्र 5 वर्ष की थी। इसी तरह
भगवान शिव शंकर और पार्वती के विवाह की गाथा एक बाल विवाह ही कहा जायेगा । पार्वती जी की उम्र कोई ज्यादा नही बल्कि सिर्फ 6 वर्ष की थी। जब उसका विवाह भगवान शिव जी से संपन्न हुआ।
अब वेद की बात:
ऋषी वशिष्ठ जी के पुत्र उत्रष्टी और उनकी पत्नी का विवाह एक बालविवाह होने के प्रमाण और जिक्र ऋग्वेद में किया गया है।
– सामवेदा में ऋषी गौतम और देवयानी दोनो का विवाह बालविवाह होने का वर्णन है।
हिंदू धर्मग्रंथ में वर्णन किए विवाह और बालविवाह की ऐतिहासिक सत्यता और सुबूत को न देखते हुए पौराणिक कथा मूल्य को देखना और परखने खास जरूरत है ।
हिंदू पौराणिक कथाओ में किसी ऋषीमुनि की कथा कहानियां मौजूद है जिसने अपनी खुद की लड़की से ब्याह रचाई थी। ऋषी कौशिक ऐसा उसके नाम का जिक्र पाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि कौशिक यह महान ऋषी बताए जाते है। और उनकी त पत्नी का श्रुतकेतू नाम है। फिर उन्हे श्रुतबिंदू नाम की लड़की पैदा हुई।. श्रुतबिंदू बड़ी होने के बाद कौशिकने उसके साथ ब्याह किया।
इस प्रकार की कथा कहानियां का
जिक्र ऋग्वेद में किया गया है मगर ये सब तो पौराणिक कथाये कहलाई जाएगी। ऐसी कथाये और कहानियां आज के दौर में नैतिक तौर से और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ ही हो सकती है जिन्हे केवल पौराणिक कथा की नजर से परखा जाए।
इस तरफ भी तवज्जो देना महत्वपूर्ण है कि हिंदू पौराणिक कथा कहानी जरूर बयान की गई है लेकिन इन्हे ऐतिहासिक तथ्य समझने की जरूरत नही। पौराणिक कथा मूल्ये और शहाना पन का सबक सिखाया जाता है।जिसे पौराणिक कथा की नजर से देखना और जानना जरूरी है।
पैगंबर मुहम्मद S A S और आयशा R A के विवाह को केकाएं भाष्य करनेवाली घटनात्मक भाषाएं को लेकर खुलासेवार रिप्लाई देने से पहले ये स्पष्ट करना चाहता हु कि सभी धर्मो और मजहब की इज्जत आदर अब सन्मान करना बेहद जरूरी है। अपनी राय व्यक्त करने खातिर अपनी घटनात्मक भाषाओं का इस्तेमाल करना चाहिए । तथा किसी भी धर्म या प्रतिष्ठित व्यक्तीयो के खिलाफ अपमानास्पद गैर जवानी टिप्पणी करना टाल दे।
पैगंबर मोहम्मद ss और
मां आयशा के शादी को लेकर ऐसा बताया जाता है कि
पैगंबर मोहम्मद साहब से उनके विवाह के वक्त बीबी
आयशा 6,या 7 वर्ष की थी।. यह एक बेहद ओल्ड मसला है जिस का जिक्र कुरान में दर्ज है
हिंदू पौराणिक कथांओ में ऐसे ही कई कथाये मौजूद है जिस में लड़किया और लड़कों की शादियां हो चुकी है जो बाल विवाह के नाम से जानी जाती है। जिसका उल्लेख ऊपर में किया जा चुका है।
हिंदू पौराणिक कथा
पैगंबर मोहम्मद और आयशा का विवाह को लेकर भाष्य करने वाला टिप्पणी पौराणिक है।
साभार=
अब्दुल समद शेख