क्या अब रूस से S–400 डिफेन्स सिस्टम मिलते ही लगेगा भारत पर प्रतिबंध?
एडमिन
अमेरिका के साथ गहराते रिश्ते के बीच बाइडन प्रशासन ने एक बार फिर से भारत को रूसी रक्षा प्रणाली एस-400 को लेकर कड़ी चेतावनी दी है।
अमेरिका ने कहा कि एस-400 खतरनाक है और किसी भी देश के सुरक्षा हित में नहीं है।
भारत के दौरे पर आई अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बातचीत के बाद यह चेतावनी दी।
वेंडी शर्मन ने भारत पर CAATSA प्रतिबंध लगने की आशंका को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा,
‘जो भी देश एस-400 को इस्तेमाल करना चाहता है, उसे लेकर हम सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं।
हम समझते हैं कि यह खतरनाक है और किसी के भी हित में नहीं है।’
इस चेतावनी के साथ अमेरिकी उपरक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि हम आशा करते हैं कि भारत के साथ CAATSA का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा।
एस-400 मिलने पर क्या बोले भारतीय वायुसेना प्रमुख
अमेरिकी उप विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत को आगामी नवंबर महीने में रूस से पहला अत्याधुनिक एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम मिलने जा रहा है।
भारतीय वायुसेना के चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा था कि रूस में निर्मित यह अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम इस साल के अंदर-अंदर भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा।
भारतीय वायुसेना चीन के साथ बढ़ते खतरे को देखते हुए जल्द से जल्द एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को अपने बेडे़ में शामिल करना चाहती है।
भारत रूस से 5.4 अरब डॉलर में एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ले रहा है। चीन ने भी भारतीय सीमा के पास एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को ही तैनात कर रखा है।
चीन के साथ तनाव बढ़ते ही भारत को इस सिस्टम की तत्काल और ज्यादा जरूरत आन पड़ी है।
भारत रूस ही नहीं अमेरिका से भी बड़े पैमाने पर हथियार खरीद रहा है।
इसमें अपाचे हेलिकॉप्टर, चिनूक और पी-8 आई निगरानी विमान शामिल हैं। हालांकि अभी भी भारत के 60 फीसदी हथियार रूसी हैं।
क्वॉड और अन्य तरीकों से चीन के खिलाफ गठजोड़ में भारत के साथ खड़ा अमेरिका रूसी एयर डिफेंस सिस्टम का कड़ा विरोध कर रहा है।
एस-400 सिस्टम से अमेरिका को सता रहा यह बड़ा डर
अमेरिका चाहता है कि भारत एस-400 की जगह पर उसका एयर डिफेंस सिस्टम पेट्रियाट खरीदे। विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी सिस्टम एस-400 के सामने कहीं नहीं ठहरता है।
यही वजह है कि भारत ने अमेरिका को दो टूक बता दिया है कि वह इस सिस्टम को खरीदने से पीछे नहीं हटेगा और रूस के साथ अपनी डील पर आगे बढ़ेगा।
भारत के इस रुख से अब अमेरिकी काट्सा प्रतिबंधों का खतरा मंडराने लगा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रूस को अमेरिका का सबसे बड़ा शत्रु बता चुके हैं और वे तुर्की के एस-400 खरीदने का विरोध कर चुके हैं जो नाटो का सदस्य देश है।
दरअसल, अमेरिका को डर है कि एस-400 के जरिए रूस अमेरिकी हथियारों से जुड़े राज जान सकता है।
एमआईटी में राजनीति विज्ञान के प्रफेसर विपिन नारंग कहते हैं कि असलियत यह है कि नाटो सदस्य देश तुर्की भी अमेरिकी प्रतिबंधों से नहीं बच सका,
इससे पता चलता है कि अमेरिका एस-400 को लेकर कितना चिंतित है। यह संभवत: केवल कूड़ा नहीं है।
भारत का इस साल एस-400 लेने पर जोर बाइडेन प्रशासन को भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर मजबूर कर सकता है।