क्या ईवीएम का डेटा 45दिन होने पर ऑटोमेटिक ही हो जाता है डिलीट ?जाने इस बारे में पूरा खुलासा

हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव के बाद बीजेपी की हुई प्रचंड जीत और विपक्ष पार्टी कांग्रेस की हुई शर्मनाक हार के बाद ईवीएम को लेकर देश भर में काफी संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि जहां कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिलने की बड़ी उम्मीद जताई जा रही थी ।लेकिन अचानक ही पासा पलट गया और कांग्रेस खेमे में हार का मुंह देखना पड़ा जिसकी वजह से अब ईवीएम मशीन को लेकर लोगों में काफी हद तक भ्रम और शक की नजर से देखा जा रहा है।

Adv नरेंद्र मिश्रा जी द्वारा जैसा बताया गया की ईवीएम का डेटा 45 दिन होने पर ऑटोमेटिक डिलीट हो जाता है
45 दिन बाद कौनसा उपकरण अपने आप उसमे डाटा डिलीट करता है ?
जाहिर सी बात है। टाइमर के इलावा शायद ही कोई ऐसा उपकरण हो जो निश्चित समय पर डिलीट की कमांड लगा दे।
और फिर टाइमर से केवल डिलीट ही क्या अन्य कमांड भी लगाई जा सकती है
यानी सेकंड के हिसाब से भी फिर उसे किसी भी काम लिया जा सकता है।
आप देख सकते अपने टीवी, एसी,वाशिंग मशीन आदि निश्चित समय पर किस तरह से अपना कार्य बदलकर दूसरा कार्य करने लगती है।

चुनाव कई चरणों में चलते है और परिणाम एक ही दिन निकलते है। परिणाम से 45 दिन बाद डाटा अपने आप डिलीट होता है।
जैसे पहले चरण वाले का भी परिणाम से 45 दिन बाद
सातवे चरण वाले का भी परिणाम से 45 दिन बाद
यानी सभी मशीनों में ये टाइम सेट की जाती है कि उसे डिलीट कब होना है।

इस लिए हकीकतन शक तो यहां भी होना स्वाभाविक है।
फिर इसे अकेली कैलकुलेटर मशीन नही कहा जा सकता ।बहरहाल
ये टाइमर पर चलने वाली ऑपरेटिंग मशीन हुई।

संवाद;
पिनाकी मोरे

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