क्या सद्दाम ने सऊदी नरेश को अरब देशों के बंटवारे का प्रस्ताव दिया था ?

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रिपोर्टर.

सऊदी नरेश के कार्यालय के सलाहकार ने रियाज़ व दोहा के बीच आरोप-प्रत्यारोप के क्रम में कहा है कि जब सद्दाम ने सऊदी अरब को अरब देशों के बंटवारे का प्रस्ताव दिया था !
तब दोहा अपने हित साधने की कोशिश कर रहा था।
पिछले लगभग डेढ़ महीने से क़तर और सऊदी अरब के बीच जो विवाद जारी है !

वह थमने का नाम नहीं ले रहा है बल्कि अब तो यह एक दूसरे की पोल खोलने के चरण में पहुंच गया है !
इसी कारण कुछ एेसे तथ्य भी सामने आ रहे हैं जो विभिन्न क्षेत्रीय संकटों में अरब राष्ट्राध्यक्षों की भूमिका और उनके गहरे मतभेदों को भी उजागर कर रहे हैं।

ताज़ा मामला सऊदी अरब के एक समाचारपत्र में सामने आया है जिसमें क़तर के विरुद्ध इराक़ के पूर्व तानाशाह सद्दाम की योजना की बात कही गई है।

अलहयात समाचारपत्र ने एक सऊदी अधिकारी के हवाले से लिखा है कि सद्दाम द्वारा कुवैत पर हमले के समय क़तर अपने हित साधने के चक्कर में था ।

और उसने इस समस्या के समाधान के लिए फ़ार्स की खाड़ी सहयोग परिषद के सफल आयोजन के लिए अपनी मांगें पूरी होने की शर्त लगा दी थी।
उसकी एक मांग यह थी कि हेवार द्वीप उसके हवाले किया जाए।

सऊदी नरेश के कार्यालय के सलाहकार सऊद अलक़हतानी ने कहा है कि क़तर वह पहला देश था।

जिसे यह पता चल गया था कि सद्दाम ने सऊदी नरेश शाह फ़हद को अरब देशों के बंटवारे का प्रस्ताव दिया है।
सद्दाम ने कहा था कि कुवैत उसे दे दिया जाए और बाक़ी अन्य देश सऊदी अरब ले ले।

पत्र ने तत्कालीन सऊदी नरेश को इस मामले में बचाने के लिए लिखा है कि शाह फ़हद का उत्तर वह नहीं था जो कहा और सुना जा रहा है बल्कि वह था ,जिसे हमने व्यवहार में देखा है।

 

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