जिस ने भी बीजेपी के साथ किया अलायन्स आखिर उसका हो गया खाना खराब

भारत का राजनीतिक इतिहास यही बताता है की जिसने भी भाजपा पार्टी के साथ अलायंस किया उसका अस्तित्व ही मिट गया।

बीजेपी से दोस्ती देखिए
रामविलास पासवान को,उनका बंगला, 12 जनपथ खाली करवाया गया। चिराग को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया। उनकी पार्टी LJP पहले ही समाप्त हो चुकी थी। पासवान ने 2002 के गुजरात दंगो के बाद तब की एनडीए सरकार से इस्तीफ़ा दे दिया था। चूंकि मौसम वैज्ञानिक थे इसलिए फिर से वापस आए. उनका प्लान “चिराग” की लौ को तेज़ करना था लेकिन उनके जाते ही वो बुझ गया!
राजनीति का मौसम बहुत ठीक से समझने वाले पासवान गुजराती खून का मिज़ाज नहीं भांप पाए।

ऐसे दौर में शिवसेना – सबसे लंबे समय तक बीजेपी की सहयोगी पार्टी बनी रही। किंतु अच्छा हुआ कि एकबायक कुछ वर्षों बाद दोनो में किसी बात को लेकर आपसी मनमुटाव के चलते समय रहते वह
बीजेपी से अलग हुई तो बच गई। वर्ना उसका भी खात्मा होने पर था।

अकाली दल को देखिए – सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी थी अलग भी हुई अब पंजाब में समाप्त होने की कगार पर बीएसपी – गठबंधन करके सरकार बनाई लगभग समाप्त। जेडीयू – बिहार में बिग ब्रदर वाले रोल से नीचे गिरकर, याचक वाली भूमिका में आ गई थी अच्छा हुवा निपटने से पहले ही RJD का दामन थाम लिया वरना पार्टी का बीजेपी में विलय हो जाता या तोड़ दी जाती।

वीआईपी – बिहार की छोटी पार्टी थी. गठबंधन किया, मगर लंबे समय सेपहले ही समाप्त हो गई। इसी तरह
पीडीपी – बड़े जोश-खरोश से BJP के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाई।किंतु ज्यादा समय तक टिक नहीं सकी हाल ये रहा कि अब यह पार्टी जम्मू एंड कश्मीर में समाप्त होने की कगार पर है।

संवाद;पिनाकी मोरे

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