निर्वस्त्र मोदी सत्ता ने देश के करोड़ों युवाओं से धोखाधड़ी की है

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

अबतक कि जाहिर तौर से देखा जा रहा है कि देश की सत्ता पर गामजन मोदी सरकार के तहत
2014 से 2022 तक भारत के 24 करोड़ युवाओं ने केंद्र सरकार की भर्तियों के लिए परीक्षा दी। एक को भी नौकरी नहीं मिली।

2020 में महामानव नरेंद्र मोदी ने एक जुमला फेंका था–केंद्र की ग्रुप बी और सी की नौकरियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का। 4 साल में एक भी परीक्षा नहीं हुई।
इसी 2014–2022 की अवधि में मोदी सत्ता ने 1.60 लाख नौकरियां दी। आवेदकों और नौकरियों का अनुपात देखिए।

मोदी के जुमले बाजी के मुताबिक 8 साल में सालाना 3 करोड़ के हिसाब से युवा केंद्रीय भर्तियों के लिए आवेदन कर चुके है। 24 करोड़ में से एक को भी नौकरी नहीं मिली।
उसी फरवरी 2020 में नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के गठन का जुमला भी फेंका था।

4 साल में NRA ने एक भी परीक्षा नहीं ली। 2020 के बजट में निर्मला सीतारमन ने NRA के लिए 1517 करोड़ का बजट रखा। अगस्त 2020 में NRA को अधिसूचित किया गया।
फरवरी 2021 में तब के कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में झूठ बोला कि NRA की पहली परीक्षा 2021 में होगी।
फिर 10 अगस्त 2023 को वही जितेंद्र सिंह संसद में बहाने बनाते हैं कि NRA के पास ढांचा नहीं है।

कुल मिलाकर इस निर्वस्त्र मोदी सत्ता ने देश के करोड़ों युवाओं को सिर्फ ठगा है। युवाओं से धखाधड़ी की है।
ठगी के इस खेल में बहुत से ऐसे जाहिल, शातिर ज्ञानी–ध्यानी भी भागीदार हैं, जो कान में फोन ठूंसकर सोशल मीडिया पर नौटंकी की दुकान चलाते हैं।
इन्हीं की मेहरबानी से नौकरियां इस चुनाव में भी मुद्दा नहीं बन पाई।

अब ये ठग मोदी पर चप्पल फेंकने की निंदा का ज्ञान बघार रहे हैं।
बेहतर है कि ये नए जमाने के भगत सिंह से सावधान हो जाएं।
देश में चप्पलों की कमी नहीं है। जरा गाल आगे तो करें।

साभार
सुमित्रा रॉय,पिनाकी मोरे

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