फ़ोन द्वारा चौकी इंचार्ज को जानकारी देने पर एसआई ने क्यों की पत्रकार से फ़ोन पर अभद्रता ? जानिये क्या कुछ है मामले का सच ?

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रिपोर्टर,

सपा के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार पत्रकारो के हित की बात करते है। लेकिन उनकी पुलिस का रवैय्या जरा देखिये।

ताजा मामला लखीमपुर खीरी जिले की तहसील मोहम्मदी की पुलिस चौकी अमीरनगर का है।

जहॉ पर एक दैनिक अखबार के जिला क्राईम संवाददाता किसी काम से अमीरनगर में इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैक गये थे जहॉ पर बैक मे भीड़ काफी ज्यादा थी।

लेडीज व मर्द एक दूसरे से धक्का मुक्के पर उतारू थे।

जब यह मामला पत्रकार ने देखा और बाहर आकर देखा तो सिपाही नीरज कुमार कुर्सी पर बैठकर मोबाईल से व्हाटसऐप चला रहा था।

फिर इस मामले की सुचना चौकी प्रभारी अमीरनगर रवि बलियान को फ़ोन द्वारा दिए जाने पर  वह बोले पत्रकार को चौकी पर भेज दो।

मै चौकी पर बैठा हू तथा जब यह भी पूछा गया कि चौकी प्रभारी से पूछा कि सिपाही की डयूटी क्या व्हाटसऐप चलाने के लिये लगी है तो चौकी प्रभारी रवि बलियान ने कहॉ कप्तान साहब से शिकायत करके लाईन हाजिर करवा दो। हमे कोई परवाह नही?

यह भी  कहा जो भी करना हो जाओ कर लो !हम इसी तरह से हाई टोन में ही करते है सबसे बात।

क्या एक सिपाही का यही फर्ज है कि वह ड्यूटी के दौरान फ़ोन पर व्हाट्स एप्प चलाये या फोन पर बात करे? चाहे अंदर से चोरी या लूट का मामला घट जाये!

यही नही यही जनता की करने वाले प्रहरी सुचना देने वाले पत्रकार पर हावी होकर बतमीजी करे।

क्या यूँ ही होता रहेगा देश के चौथे स्तम्भ के प्रहरी के साथ?

क्या यूं ही कोई भी पत्रकार के साथ अभद्रता या हमले होते रहेंगे?

मामले के बारे में  एसपी अखिलेस चौरसिया व सीओ मोहम्मदी को भी अवगत करा दिया गया है ।

अब यह देखना रोचक होगा कि आखिर चौथे स्तम्भ के प्रहरी को लेकर कितनी सजग है खीरी पुलिस?

क्या कलम के सिपाही को इतना भी  हक नही है कि किसी पुलिस कर्मी से किसी मामले की जानकारी अवगत करा सके ?

 

 

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