बहुत साल पूर्व इस अभी नेता की फिल्म आई थी जिसमे उनका तकिया कलाम फलां फलां था था
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो
आओ सुनाऊ तुमको अम्बानी की कहानी.
बहुत साल पहले अक्षय कुमार की एक फ़िल्म आई थी जिसमें उनका तकिया कलाम था “एवेर्थिंग वास प्लांड। मतलब सबकुछ पहले से ही तय था। “जियो” की कहानी भी कुछ इसी तरह की है।
मैं टेलिकॉम सेक्टर पर काम कर चुका हूँ तो इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि रिलायंस किस तरह काम करता है। उसके बिजनेस मॉडल को नही जानने वाले आज जियो के कॉल रेट बढने पर जो स्यापा कर रहे है वो टेल्को (टेलिकॉम कम्पनियों) को काम करने के तरीक़े को जब जान जाएंगे तो जियो के कॉल रेट हाई कर
ने को भी समझ जायँगे।
बात 2010 की है। जब भारत मे 4g क्या 2g नेटवर्क भी रोते गाते चलता था। रिलायन्स मेरी कंपनी का मुख्य क्लाइंट था। मैं अपने नए प्रोडक्ट को लेकर रिलायन्स के बड़े अधिकारी से मीटिंग करने जा रहा था। तब रिलायंस टेलिकॉम अनिल अंबानी के ग्रुप का हिस्सा था। मेरे उस अधिकारी से बड़े अच्छे संबध थे तो मैंने उनसे पूछ लिया कि भारत में टेलिकॉम क्राँति तो आपने कर दी है आगे क्या प्लान है तो वो बोले एवेर्थिंग इज प्लांड ?
आप मुझे 2G के प्रोडक्ट् का डेमो दे रहे है उधर मुकेश भाई एलटीई की पूरी प्लानिंग कर चुके है। मैं बिलकुल चौक गया औऱ आगे उन्होंने जो बताया वो आज की हकीकत है
तो अब आगे की कथा सुनाता हूँ।
अधिकारी बोले यह 2Gका आखरी साल है अब 3Gआएगा फिर 2-3 साल बाद 4G स्पेक्ट्रम आयेगा। भारत मे टेलिकॉम क्रांति के बाद मोबाइल डाटा क्रांति रिलायंस ही लाएगा। सबसे पहले अपने तेल साम्राज्य के बदौलत हम 4g स्पेक्ट्रम हासिल करेन्गे। फिर फ्री डाटा बाटेंगे। पूरे देश को इंटरनेट का आदि बना देंगे इस तरह यूजर्स की संख्या बढ़ाकर पूरे मार्केट के सबसे बड़े प्लेयर बनेगे।
एक परिवार एक आपरेटर की थीम लेकर चलेंगे और देश के हर परिवार के एक सदस्य को टारगेट करेंगे और 2015 तक अन्य देशो की तरह भारत में भी पोर्टबिलिटी आ जायेगी तब न्यूनतम फीस रखकर दूसरे यूजर्स को टारगेट करेन्गे फिर जब सबसे ज्यादा मार्केट शेयर होगा और मार्केट में मोनोपॉली हो जायेगी फिर कॉल के साथ हर सर्विसेज का चार्ज लगेगा और यूजर के पास दूसरा कोई विकल्प नही होगा।
यह कहानी बिलकुल वैसी है जैसे 2000 की शुरुआत में वायरलेस इन लोकल लूप (WLL) की पतली गली का उपयोग करके रिलायंस ने 500 रु में मोबाइल फोन बांटे थे और भारत के यूजर को सस्ते कॉल और फ्री रोमिंग की सुविधा का लालच देकर जबरदस्त मुनाफा काटा था। रिलायंस का बिजनेस मॉडल बहुत सरल है। मार्केट के जमने से पहले मार्केट बनाओ उस प्रोडक्ट का एक बड़ा यूजर बेस खड़ा करो और सही समय पर अच्छा मुनाफा काटकर उस प्रोडक्ट के मरने से पहले किसी और अच्छे दाम में बेचकर उस जगह से निकल जाओ।
मुकेश भाई के पिता धीरूभाई भारत की जनता की दुखती नस को पहचानते थे कि भारत की जनता को सब कुछ फ्री में चाहिये। इसलिए धीरूभाई ने अपने बच्चों को एक बात सिखाई थी इस दुनिया मे कुछ भी फ्री नही मिलता है। सब चीज बिकाऊ है। सबकी एक कीमत होती है बस उसको कैसे वसूलना है उसकी पूरी प्लांनिग होना चाहिए इसी को बिजनेस कहते है।
मुकेश भाई ने आज अपने पिता के सिखाये गुरुमंत्र एक बार फिर सिद्ध कर दिया है “एवेर्थिंग इज पॉसिबल इफ एवेर्थिंग इज प्लांड” डाटावाणी घोरकलजुग। JioTarrif
साभार;पिनाकी मोरे