मामला उतार प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में अवैध रूप से तैनात बड़के बाबुओं के बढ़ते तानाशाही का
लखनऊ
संवाददाता
वाह रे उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन
उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन मे अवैध रूप से तैनात बडका बाबूओ की बढती तनाशाही।
लखनऊ : यह सच तो उत्तर प्रदेश के सभी पाठक जानते है कि उत्तर प्रदेश सरकार की आखो मे धूल झोक कर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियो ने अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन और प्रबंधनिदेशक पावर कार्पोरेशन व सभी डिस्कॉमो के प्रबंधनिदेशक के पदो को अवैध रूप से कब्जा कर रखा है इन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियो को जनता बोल चाल की भाष मे बडका बाबू बुलाती है।
तो आइये चले देखते है इन अनुभवहीन बडका बाबूओ के कारनामे कि किस तरह से यह बस अपनी मनमर्जी या तनाशाही चलाते है ? गौर तलब हो कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के पाच वितरण निगम है और इन पाँच वितरण निगमो को 25 जोन मे बाटा गया था। हर जोन का एक मुख्य अभियन्ता होता था और हर मुख्य अभियन्ता के नीचे कई अधीक्षण अभियन्ता होते है। इन अधीक्षण अभियन्ताओ के अधीन कई अधीशसी अभियन्ता व एक बहुत बडी फौज होती है जो कि हमारी विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करते है।
यह तो हुई पुरानी बात अब जब से यह बडका बाबू दिल्ली से वापस आ कर पावर कार्पोरेशन की गद्दी पर विराजमान हुए है ऊन्होने अपनी अनुभवहीन दिखाते हुए विद्युत वितरण के लिए बनाए गये 25 जोन को 40 जोन मे परिवर्तित कर दिया है। आम जनमानस की भाषा मे समझा जाऐ तो पुलिस चौकीया बढाने की जगह पलिस अधीक्षक बढा दिये है। जब कि वितरण खण्ड बढने चाहिए ना कि जोन ।
एक जोन मे जो मुख्य अभियन्ता बैठेगा उसके आफिस के लिए अलग जगह के साथ साथ एक अधीक्षण अभियन्ता , 4 अधिशासी अभियन्ता , 1 प्रशासनिक अधिकारी , 1 कार्मिक अधिकारी , 1 सहायक विधि अधिकारी , कार्यालय अधीक्षक विषेश श्रेणी , 2 कार्यालय सहायक-प्रथम, 7 कार्यालय सहायक द्वितीय, 10 कार्यालय सहायक तृतीय, 1 आशुलिपिक ग्रेड एक , 2 आशुलिपिक ग्रेड 2 के , 1 आशुलिपिक ग्रेड 3 ,1 अवर अभियन्ता तकनीकी , 5 अनुसेवक , 1 चौकीदार , 2 सफाईकर्मी , 1 वाहन चालक, फेरो ब्वाय , दफेदार , मानचित्रक इतना स्टाफ चाहिए। एक मुख्य अभियन्ता को अपना जोन सभालने के लिए जिसका सालाना खर्च 52 करोड से ज्यादा का आएगा ।
स्टाफ ना होने की दशा मे काम प्रभावित होगा परन्तु बडका बाबूओ को इससे क्या लेना? वह तो बस विडिओ कान्फ्रेंसिंग कर के निलंबन कर के अपनी पीठ ठोकते है । वैसे भी उत्तर प्रदेश सरकार कार्पोरेशन और उसकी सहयोगी कम्पनियो मे स्टाफ की भारी कमी है। चाहे कम्प्यूटर आपरेटर हो या लाईन मैन, चाहे किसी भी कार्यलय मे चले जाए सभी काम सविंदा कर्मचारियो के भरोसे चल रहा है। जहाँ पर ध्यान देने की जरूरत है।
लेकिन वहाँ तो बडकऊ ध्यान देते नही बल्कि काम के समय विडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर के सभी का काम खराब करते है। हर समय यह डेटा लाओ, वो डेटा लाओ, जब स्टाफ ही नही है तो काम कहाँ से होगा और जब बचा हुआ स्टाफ सभी की विडिओ कान्फ्रेंसिंग की तैयारी मे ही लगा रहेगा तब तो कार्य की गुणवत्ता खराब होगी ही ना ?
आपका क्या आपको तो सिर्फ हुक्म चलाना है और हुक्म की तामील ना होने पर सस्पेंड/ निलंबन या सेवा समाप्त । अरे बडकऊ जरा अपनी विडिओ कान्फ्रेंसिंग की रफ्तार को घटाओ वर्ना एक दिन कोई अधिकारी ही नही होगा आपकी विडिओ कान्फ्रेंसिंग के लिए सब सस्पेंड/ निलंबन होगे । खैर
युद्ध अभी शेष है।
साभार;अविजित आनन्द