मोदीजी के सिवाय देश का कोई और प्रधानमंत्री होता तो क्या होता?

नई दिल्ली
संवाददाता

 

इस खबर को
खुश खबर कहना कितना सही होगा, बल्कि  खुश खबर का ढिंढोरा पीटना ही  खुश खबर की बजाय बुरी खबर लगना शुरू हो जाएगी।
 

जरा गौर तलब कीजिए अगर मोदी न होता तो क्या होता?
जवाब में
अगर मोदी न होता तो सबसे पहले पुलवामा में आतंकवादियो के हाथों अपने देशकीं सुरक्षा कर रहे लगभग 40 से ज्यादा सैनिक मारे नही जाते।
मणिपुर में हिंसा न होती। मोब लीचिंग नही होती। लव जिहाद का बहाना बनाकर मुस्लिमो की नाहक हत्याएं नही होती, गौ हत्या गौ तस्करी की आड़ में मुसलमानों के साथ अत्याचार नही होते, जय श्री राम के ना बोलने पर मुसलमानों को निशाना नही बनाया जाता।

अगर मोदी न होता तो
CAA , NRC का मामला नही उठता। जिस के कारण अल्प संख्यक ,दलित, मुस्लिम समाज आज परेशान है उतने भविष्य में कभी परेशान और दहशत में नही होते। इसी तरह
किसान आंदोलन में सात सौ किसान नहीं मरते।

अगर मोदी न होता तो  
वर्ष 2002 के समय गुजरात का दंगा नहीं होता और महज दो हजार लोग बे मौत मारे नहीं जाते ।

अगर मोदी न होता तो  
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया ना जाता।
अगर मोदी न होता तो  
इतनी महंगाई कभी नहीं होती। 
जो गैस सिलेंडर सिर्फ 400में मिला करता था वही 
गैस सिलिंडर ११६० रुपये का न होता।

-अगर मोदी न होता तो
पेट्रोल, डीजल इतना कभी महंगा न होता,
तुअर
दाल के दाम आसमान नही छूते और सौ रुपये से ऊपर नही होते।

अगर मोदी न होता तो पहले चालीस रुपए लीटर दूध  
रुपये का  दूध आज 80 रुपये लीटर न ही होता।
अगर मोदी न होता तो ….. 
सब्जियों के दाम डबल नहीं होते। 
 खाने के तेल का दाम डबल नहीं होता।

अगर मोदी न होता तो  
देश का 80 फीसदी पैसा रामदेव बाबा, अडानी और  अम्बानी के पास न  जाता।
जीएसटी की दर  18 और 28 के बीच  न रहकर 5 प्रतिशत तक ही रहती।

अगर मोदी न होता तो
देश में हमेशा कुदरती आफत नहीं आती।
 बीजेपी, आरएसएस मीडिया को गुलाम न बनाती। और इनकी वजह से मीडिया को गोदी मीडिया के नाम से
बदनाम होना नही पड़ता।  
 देश में इतनी नफ़रत नहीं होती। 

अगर मोदी न होता तो  
आदिवासी राष्ट्रपति मणिपुर के आदिवासियों की दुर्दशा पर चुप्पी न साधती ।
अगर मोदी न होता तो  
राज्य सभा का सभापति कांग्रेस अध्यक्ष का स्पीकर बंद नहीं करता।

अगर मोदी न होता तो  
स्पीकर राहुल गाँधी का स्पीकर बंद नहीं करता।
अगर मोदी न होता तो  
सैनिक दिहाड़ी मजदूर नहीं बनते।
-अगर मोदी न होता तो  
सैनिकों की पेंशन बंद नहीं होती।

अगर मोदी न होता तो  
3/ लाख व्यापारी देश छोड़कर विदेशों ना बस जाते

अगर मोदी न होता तो  
ईड़ी, सीबीआई, और आईटी सरकारी पोपट  नहीं बनते।
हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी मिलती।
नोटबंदी से तीन करोड़ लोग कभी बेरोजगार नहीं होते।
पैंट प्रधान बनने के पहले सारी जनता को अच्छे दिन के सपने दिखाए और हर देशवासियों को बैंक के खाते में 15/लाख रुपए देने का वादा किया था । मगर पीएम बनने के बाद वादा खिलाफी कर लोगों को निराश किया कभी जनता इसे माफ नही कर सकती। इनके पीएम की वजह से गरीब लोगों को लालच के भरोसे छोड़ नही दिया जाता।और उनकी निराशा नही होती।

अबकी बार चार सौ पार की मंशा रखने वाले, तीसरी बार पीएम बनने की खातिर अभी भी वक्त है उम्मीद है कि दिए गए वायदे को निभाकर
यह पोस्ट कम  से कम  दस लोगों तक पहुंचे   तो शायद मोदी जी आप
सब पर प्रसन्न होकर  आपके खाते  में  15 लाख रुपये  जरूर भेजेंगे।

संवाद
पंकज तायडे,और पिनाकी मोरे

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