मोदी सरकार ने मिडल क्लास के साथ किय ऐसा धोखा डाका डालना इसी को कहते है,
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो
डाका डालना इसी को कहते हैं
मोदी सरकार ने बहुत प्यार से “इंडियन मिडिल क्लास” को बेवकूफ बनाया है। अभी अभी पेश हुए बजट में संपत्ति की बिक्री पर मिलने वाले इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म करने की घोषणा की गई है। अब आप अपनी प्रॉपर्टी की खरीद कीमत नहीं बढ़ा पाएंगे और प्रॉपर्टी को बेचने से होने वाले पूंजीगत लाभ को कम नहीं कर पाएंगे।
अब तक की व्यवस्था में प्रॉपर्टी की सेल से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन ( LTCG) पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के भीतर 20% टैक्स लगाया जाता था। अब प्रॉपर्टी की सेल पर पूंजीगत लाभ के लिए इंडेक्सेशन बेनिफिट के बिना 12.5% का नया LTCG टैक्स रेट लागू होगा।
मान लीजिए आपने वित्त वर्ष 2010 में 25 लाख रुपये में एक फ्लैट खरीदा था। अब अगर 2024 में आप उसे करोड़ रुपये में बेच देते हैं तो अब तक के नियमों के अनुसार 25 लाख रुपये की खरीद कीमत को इनकम टैक्स द्वारा नोटिफाई किए गए CII नंबरों के साथ बढ़ा सकते हैं। लेकिन इस बजट में नया नियम प्रस्तावित है। जिसके मुताबिक अब आप CII के अनुसार खरीद मूल्य को बढ़ा नहीं पाएंगे और बिक्री मूल्य से खरीद मूल्य को कम करके पूंजीगत लाभ की गणना करनी होगी।
सीआईआई क्या है?
इनकम टैक्स विभाग हर साल इंडेक्सेशन बेनिफिट की गणना में उपयोग किए जाने के लिए एक कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (CII) घोषित करता है। इस इंडेक्स को लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट की इन्फ्लेशन-एडजस्टेड कॉस्ट की गणना करने में प्रयोग किया जाता है और टैक्सेबल कैपिटल गेन का निर्धारण करने के लिए एसेट की सेल वैल्यू से इन्फ्लेशन-एडजस्टेड एक्विजिशन कॉस्ट को कम कर दिया जाता है।
मिसाल की तौर पर आपने 2010 में एक प्रॉपर्टी एक लाख रुपये में खरीदी। तब सीआईआई 100 था। अब आपने 2024 में उस प्रॉपर्टी को 1.6 लाख रुपये में बेच दिया और इस साल सीआईआई नंबर 140 है। इस तरह आपको प्रॉपर्टी पर तो 60 हजार का फायदा मिल गया लेकिन सीआईआई के मुताबिक गणना करेंगे तो आपकी प्रॉपर्टी की खरीद कीमत 1.4 लाख मानी जाएगी और आपका फायदा सिर्फ 20 हजार का ही कैलकुलेट होगा और इसी 20 हजार पर आप 20 प्रतिशत की दर से कैपिटल गेन टैक्स भी देंगे। यानी कुल चार हजार रुपए।
जबकि नए नियम के मुताबिक आपको पूरे 60 हजार रुपये पर 12.5 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होगा। यानी जिस प्रॉपर्टी को बेचने पर पहले आप 4000 रुपए टैक्स चुकाते उसी पर अब आपको 7,500 रुपये चुकाने पड़ेंगे। यानी अब आपको लगभग दोगुना अंतर आ गया है।
इतना ही नहीं बैंक एफडी, बॉन्ड, गोल्ड और म्यूचुअल फंड में निवेश पर भी अब मंहगाई बढ़ने से हुए नुकसान पर राहत नहीं मिलेगी। सरकार ने LTCG पर टैक्स की दर को 10 से 12.5 प्रतिशत तो की ही है शॉर्ट टर्म कैपिटलगेन की दर भी 15 से बढ़ा कर 20 प्रतिशत कर दी है। इससे आपकी एसआईपी से हो रही छोटी बचत पर मिलने वाले लाभ कम हो जायेंगे। अब अगर शेयर मार्केट चलता है तो सरकार आपके फायदे में तो हिस्सा बांटने आ जायेगी लेकिन बाजार गिरता है तो नुकसान निवेशक अकेले झेले।
तो मेरे साथ लगाइए जयकारा .मोदी मोदी मोदी मोदी !
साभार;पिनाकी मोरे