सीएम हेल्प लाइन एवं जनसुनवाई की हज़ारों शिकायते धूल खा रही है,निर्माण कार्यों में भी चलरहा जमकर भ्रष्टाचार जिम्मेदार कौन?

छतरपुर
संवाददाता
पंकज पाराशर छतरपुर

नगर पालिका परिषद महाराजपुर में सीएम हेल्प लाइन और जन सुनवाई की हजारों शिकायतें पेंडिंग शासन के आदेशों की अवहेलना: सीएमओ विवेक नारायण मिश्रा व उपयंत्री महेश असाटी ने किया गुमराह सीएम ने दिए जांच के आदेश निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार.
पंकज पाराशर छत पारारपुर
छतरपुर जिले की नगर पालिका परिषद महाराजपुर के निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया। शासन के आदेशों की सीएमओ विवेक नारायण मिश्रा और उपयंत्री महेश असाटी द्वारा अवहेलना की जा रही है । इनके विरुद्ध लोकायुक्त में शिकायत दर्ज हुई है। नियमों को ताक कर मनमर्जी से कार्य करने के सीएमओ व उपयंत्री को कमिश्नर की जांच में दोषी पाए जाने से मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रमुख सचिव ने एक शिकायत की जांच में नियमों को ताक कर मनमर्जी से कार्य करने का जांच प्रतिवेदन आयुक्त को भेजा है।

जांच प्रतिवेदन पर आयुक्त ने सीएमओ विवेक नारायण मिश्रा और उपयंत्री महेश असाटी को पदीय दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन न करने का दोषी माना है तथा कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 2 वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोके जाने के लिये जबाब तलब किया है। विभागीय जांच से अभी भी सीएमओ विवेक नारायण मिश्रा और उपयंत्री महेश असाटी अनभिग है।

ज्ञात हो कि सीएमओ विवेक नारायण मिश्रा और उपयंत्री महेश असाटी लम्बे समय से भ्रष्टाचार में लिप्त होकर मनमानी करते आ रहे हैं और नेताओं की चरण वंदना कर अपनी तगड़ी पहुंच के कारण नगर पालिका परिषद महाराजपुर को खोखला कर रहे हैं।

ऐसे बताया जाता है कि छतरपुर जिले से सीएम हेल्पलाइन व जन सुनवाई की हजारों शिकायतें पेंडिंग है। लगातार चली आ रही मनमानी की कड़ी में इन्होंने शासकीय ठेकेदारों स्वत्वों के भुगतान के लिए भटकाया और भटकाने के बाद जब सीएम हेल्पलाइन और जन सुनवाई में शिकायतें होने लगीं तो कलेक्टर को गुमराह कर अर्जित राशि को मनमाने ढंग से आदेश निकाल दिये । इन मनमाने रवैया के खिलाफ भारी संख्या में जन सुनवाई में आवेदन पहुंचने लगे परन्तु जिले का दुर्भाग्य है कि जनसुनवाई की शिकायतें भी इन्हीं भृष्ट अधिकारियो के पास पहुंचने लगीं जब कि सीएम डॉ. मोहन यादव ने साफ निर्देश दिये हैं कि शिकायत का निपटारा कलेक्टर अपने सामने ही करें विभाग को अग्रेषित करना पर्याप्त नहीं है।

आकाओं के संरक्षण के चलते सीएमओ विवेक नारायण मिश्रा और उपयंत्री महेश असाटी की मनमानी ऐसे ही चलती है या अधिकारी कुछ अंकुश लगा पाएंगे ?

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