सोशल मीडिया में भड़काऊ पोस्ट को लेकर याचिका पर SC की याचिकाकर्ता को क्या है नसीहत ?

रिपोर्टर:-
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर धार्मिक तौर पर भड़काऊ पोस्ट को रोकने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वो पहले नए आईटी नियमों को पढ़े और फिर अदालत को बताए कि क्या इन नियमों में इसे लेकर कोई प्रावधान है।
प्रधान न्यायाधीश एमवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को नए आईटी नियमों का अध्ययन करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट मे एक याचिका दाखिल की गई है, इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस्लामोफोबिक सामग्री को रोकने और ट्विटर व इस्तेमालकर्ता के खिलाफ सीबीआई या एनआईए जांच का निर्देश देने की मांग की है जो भड़काऊ पोस्ट डालने में शामिल हैं।
याचिका में इसके लिए निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के मामले का हवाला दिया गया है।
जनहित याचिकाकर्ता ख्वाजा एजाजुद्दीन चाहते हैं कि शीर्ष अदालत निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात की बैठक के बाद इस्लामोफोबिक सामग्री वाले टीवी चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक लगाए।
CJI ने कहा कि सवाल यह है कि लोग पहले से ही इसे भूल रहे है और आप इसे पुनर्जीवित करना चाहते हैं? क्या आपने नए आईटी नियम पढ़े हैं?
याचिकाकर्ता ने जवाब दिया कि नए आईटी नियमों में धार्मिक मुद्दों का जिक्र नहीं है।
सीजेआई ने कहा कि पहले से ही कुछ याचिकाएं लंबित हैं,हम यह दलील क्यों रखें?
अपना होमवर्क करें.एक सप्ताह के बाद पूरी नियम सूची पढ़कर आएं।
इसके साथ ही SC ने मामले की सुनवाई एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दी।