अगली बार रेपिस्ट का ओलंपिक किसी विदेश की बजाय बनारस की धरती पर होना चाहिए

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

रेप का ओलंपिक बनारस में ही होना चाहिए। आखिर, मोदी सत्ता का यह खुला खेल जो है।

आईआईटी बीएचयू की छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी पूर्व बीजेपी नेता कुणाल पांडेय और अभिषेक चौहान 7 महीने बाद जेल से रिहा हो गए। घर पहुंचे तो उनका स्वागत हुआ। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत अर्जी पर 16 सितंबर को सुनवाई होगी।

बचा लो बेटियां। बलात्कारी 7 महीने में छूट जायेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही कहा–जमानत नियम है और जेल अपवाद।
फिर क्या था–बनारस के दोनों बलात्कारी हाई कोर्ट से जमानत पर छूट गए। अब तो तीसरा भी छूटेगा।

नरेंद्र मोदी दो दिन पहले ही रेपिस्टों को कड़ी सजा के बारे में फेंका फेंक कर चुके हैं।
मोदी सत्ता की गोद में बैठो और जिसका चाहे रेप करो। उन्हे कोई फर्क नही पड़ता। वरना देश में आए दिन हो रहे रेप कांड के आरोपियों पर सख्त से सख्त सजा हो जाती ऐसा कड़क कानून अबतक देखने को नही मिल रहा है जो कानून इंडिया में नही बल्कि अरब देश में लागू किया जा चुका है।
साभार;पिनाकी मोरे , सज्जाद अली नयानी

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT