अबकी बार चारो तरफ खतरे के बादल मंडरा रहे , इस लिए घबरा गए है
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो
चारों तरफ खतरा मंडरा रहा है। मोदी घबरा गया है।
प्रजा रोजगार मांगने लगी है। रोटी मांगने लगी है। शिक्षा मांगने लगी है।
मोदी की लूट का हिसाब मांगने लगी है।
मोदी को एक ही उपाय सूझा, जनता को धर्म के नाम पर बरगलाओ।लेकिन प्रजा ने साफ कर दिया, रोजगार दो। मोदी रोजगार कहां से लाए?जी दस साला में नही तो अब कहां से लाएंगे रोजगार?
मोदी ने आस नहीं छोड़ी। वो अयोध्या पहुंच गया। एक धार्मिक स्थल में जाकर कहा, ये मैंने बनवाया है। जनता बोली, ये तो न्यायधीश ने बनवाया है। मोदी दुविधा में है। कह रहा है, मैं नहीं रहा तो विरोधी तुम्हारी संपत्ति पर कब्जा कर लेंगे, तुम्हारे जेवर तक ले जाएंगे। यहां तक कि तुम्हारे पशु भी ले जाएंगे। प्रजा कुछ सुनने को तैयार नहीं है!
अब मोदी साम दाम दण्ड-भेद और हलकटाई पर उतर आया है।
मुनाफाखोरों, काला बाजारियों और नमक हरामियों को अपने साथ मिला लिया है। ये देख कर प्रजा और ज्यादा रूष्ट होती जा रही है। मोदी के समर्थकों को विश्वास है कि मोदी कुछ ऐसा स्टंट करेंगे कि विरोधी पराजित हो जाएंगे। इसलिए वे कह रहे हैं, आएगा तो वही।
समर्थक ऊंची बिल्डिंगों में रहने वाले आराम परस्त हैं। विरोधी गांव देहात के गरीब हैं, जो अपना हक चाहते हैं। पढ़े लिखे बेरोजगार हैं। वे मोदी के जुमलों को पहचान चुके हैं। प्रजा मोदी को हराने करने को बैचैन है।
मोदी डरा हुआ है
क्योंकि हारने के बाद तिहाड जैल दिख रही है।
साभार:पिनाकी मोरे