अबकी बार 4सौ पार का ख्वाब देख रहे मोदी जी की हार के सपने देखे जा रहे है समस्त बीजेपी के लोगो मे?
वर्तमान दौर में लोकसभा का चुनाव एक खास चुनाव है। हर कोई पार्टी अपनी जीत के सपने देख रही है लेकिन एक अंदर की मजेदार बात देखी जा रही है कि खुद बीजेपी के कार्यकर्ता मोदी जी की जीत के खिलाफ चल रहे है।
गौर तलब कीजिए कि मोदी और अमित शाह के अलावा बीजेपी का एक भी नेता नहीं है जो चाहता हो कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने।
सबको पता है कि जब तक मोदी की विदाई नहीं होगी तब तक उन्हें यही ज़िंदगी जीनी होगी जो वो जी रहे हैं ।
दस साल से सरकार चल रही है लेकिन किसी एक मंत्री की इतनी हैसियत नहीं है कि अपने मंत्रालय का भी वो कोई निर्णय ले सके । शिलान्यास से लेकर उदघाटन तक किसी भी मंत्रालय का हो , सिर्फ़ और सिर्फ़ मोदी ही कर सकते हैं ।
मोदी के साथ तो किसी भी नेता को बड़ी वाली माला तक में घुसने की इजाज़त नहीं है। आपने देखा होगा कुछ दिन पहले एक बड़े नेता को माला से बाहर निकलना पडा था।
मोदी स्टेज से हाथ हिलाए तो कोई दूसरा नेता उनके साथ हाथ तक नहीं हिला सकता ।
अब ऐसे में कोई भी बीजेपी का नेता शुद्ध हवा में साँस तो तभी ले पाएगा ना जब मोदी जाएँगे ।
राजस्थान , छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्रियों के चयन की प्रक्रिया ने बीजेपी के नेताओ को और परेशानी में डाल दिया है ।
बीजेपी का हर नेता सिर्फ़ इतना चाह रहा है कि वो अपनी सीट जीत जाए और किसी तरह से बाक़ी सीट पर बीजेपी हार जाये।
इसीलिए बीजेपी का कोर वोटर उदासीन है और वोट करने नहीं निकल रहा है ।
फिर विपक्ष की घेराबंदी बहुत मज़बूत है । अब तक मोदी ने जितने भी मुद्दे चुनाव भटकाने के लिए उठाये हैं , उन पर विपक्ष की समझदारी की वजह से ख़ास कामयाबी नहीं मिली है ।
इस बार इंडिया गठबंधन का मैनिफ़ेस्टो ऐसा है कि अगर कोई वोटर पढ़ ले तो वोट बीजेपी के बजाय गठबंधन को देने को मजबूर हो जाए ।
बहुत ही ज़बर्दस्त मैनिफ़ेस्टो बनाया है इंडिया गठबंधन ने , हर समाज का उसमें ख़याल रखा गया है ।
बिकाऊ मीडिया के प्रॉपगैंडा से बाहर निकलकर ठंडे दिमाग़ से सोचिए । सरकार बदलने जा रही है।
संवाद;पिनाकी मोरे