अब नहीं रहे हमारे बीच डॉ मनमोहन सिंह, एक अनमोल हीरा खो दिया हम सबने
विशेष
संवाददाता
बौद्धिक,इमानदार,विलक्षण प्रतिभा के धनी,प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री,सौम्य राजनेता, महान व्यक्तित्व पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह साहब को विनम्र श्रद्धांजलि।
मृदु भाषा,सार्वजनिक मर्यादा व उदारता के जीवंत उदाहरण थे डाक्टर मनमोहन सिंह साहब।
मेरे मन-मस्तिष्क में चिर स्मरणीय हैं।
युग पुरुष आदरणीय डॉ. मनमोहन सिंह जी सर मिस यू.देश ने एक अनमोल हीरा खो दिया।
यह पोस्ट उन गलतियों के लिए माफी मांगने के लिए है जो हम भारतीयों ने 2014 में की थीं।
हमने एक मीम बनाया, अपने पोस्ट के जरिए आपको बदनाम किया क्योंकि न्यूज चैनल ने आपको सबसे भ्रष्ट और सबसे कमजोर पीएम के रूप में दिखाया था, जिससे हम अंधे हो गए थे।
अपमान करने के बावजूद आपने हममें से किसी को गिरफ्तार नहीं किया और न ही भारत के आम लोगों के खिलाफ आवाज उठाई!
न्यूज चैनलों के फर्जी आख्यानों और अन्ना हजारे की फर्जी क्रांति से हम इतने अंधे हो गए कि हम पूरी तरह से भूल गए कि आप ही इसका कारण थे:
उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की स्थापना करके भारत को 1991 के आर्थिक संकट से बचाना।
विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) 2005, जिसने आईटी कंपनियों के विकास को गति दी।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, जिसने सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005, जो गरीबों को आजीविका, भरण-पोषण और रोजगार प्रदान करता है।
भारत-अमेरिका परमाणु समझौते 2008 पर हस्ताक्षर, जिसने भारत को सबसे मजबूत परमाणु देश में से एक बना दिया।
आपने 2012 में भारत से पोलियो-महामारी को समाप्त किया। 2006-2007 में भारत ने 10.08% की उच्चतम सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि हासिल की।
फिर से भारत को बदनाम 2008 विश्व आर्थिक अपस्फीति से बचाया।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 जिसका उद्देश्य सभी को निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना है।
आपने 27 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला।
भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक पहुंचाया।
यह तो आपके द्वारा हम भारतीयों के लिए की गई उपलब्धियों के कुछ आंकड़े हैं।
बदले में हमने आपको वोट दिया और सबसे भ्रष्ट पार्टी को दो बार वोट दिया।
और अब हमें एहसास हुआ कि हमारा भारत बड़े सांप्रदायिक और आर्थिक संकट से पीड़ित है। हमारा मीडिया बिक गया है, हमारे लोकतंत्र के स्तंभ अस्थिर हो गए हैं। अब हम आम लोगों के लिए कोई अधिकार नहीं बचा है।
हालाँकि हम दोषपूर्ण इंसान हैं, लेकिन यह उन गलतियों को माफ नहीं करता जो हमने आपके साथ की हैं सर ! यह केवल इस फर्जी राष्ट्रवादी और देश को लूटने वाले पूंजीपतिओ की दलाल मोदी सरकार को वोट ना देकर ही किया जा सकता है।
एक बार फिर क्षमा करें आदरणीय महोदय।
असीम अरुण अब बीजेपी के नेता हैं, योगी जी की सरकार में मंत्री हैं, वे पहले पुलिस सेवा में थे ।
यह सरदार मनमोहन सिंह को उनकी श्रद्धांजलि है।
मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता।
यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी।
डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी – मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है।
लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।
मीडिया डीटेक्शन डिजिटल एवं प्रिंट न्यूज द्वारा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते है।
ManmohanSingh जी
साभार; पिनाकी मोरे