अवैध उत्खनन खनिज अधिकारी इस जिले की प्रकृति के साथ कर रहे खिलवाड़ खनिज विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला

बुंदेलखंड

बुंदेलखंड में अवैध उत्खनन, खनिज अधिकारी अमित मिश्रा छतरपुर जिले की प्रकृति के साथ कर रहे खिलवाड़ प्रसिद्ध पहाड़ों की लीज रुपए लेकर दे रहे माफियाओं को.
खनिज विभाग छतरपुर में जबरदस्त भ्रष्टाचार पाल रखे दलाल, मुख्यमंत्री की साख को लगा रहे बट्टा

संवाददाता
पंकज पाराशर छतरपुर की कलम से

बुंदेलखंड में अवैध उत्खनन, जिला खनिज अधिकारी अमित मिश्रा बीते 5 वर्षों से छतरपुर जिले की प्रकृति का निरंतर दोहन कर रहे, जिले के प्रसिद्ध पहाड़ उनकी अनुमति यह रुपए लेकर माफिया को दे रहे हैं। केन नदी की लूट में उनकी सीधी सहभागिता है । क्रेशर प्लांट से हर माह रुपए वसूल कर नियमों का उल्लंघन करवा रहे हैं । जिससे जिले मे प्रकृति का वातावरण बिगड़ा हुआ है, हर माह लाखों रुपए की वसूली से इन्होंने अकूत संपत्ति संग्रह कर रखी है, जिसकी शिकायत भी राज्य शासन को की जा चुकी है ।

खनिज विभाग के हर कामों में उनकी सीधी दखलअंदाजी देखी जा रही है । इनके संरक्षण में शहर में मौत के ट्रैक्टर बालू धोकर खुलेआम खुल्लम खुल्ला दौड़ रहे हैं। खनिज विभाग इनके ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहा है ।

ऐसे बताया जा रहा है कि उनके द्वारा जिन ट्रैक्टर चालकों से रुपए नहीं मिलते उनके ऊपर ही कार्यवाही की जाती है । बुंदेलखंड के भू भाग से बालू चोरों का चोरी करना बंद नहीं हुआ है। केन नदी को तहस नहस कर अब पानी होने के कारण नदी के किनारे ही खेतों में रेत माफियाओं ने बड़ी बड़ी सुरंग खोद डाली है। प्रधानमंत्री सड़क योजना से लवकुशनगर अनुभाग में बनाई गई 1 दर्जन से अधिक सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई है। इन सड़कों को तहस नहस करने का सारा श्रेय इन बालू के चोरों को जाता है।

बुंदेलखंड में रेत माफियाओं को सरकारी दस्तावेजों की जरूरत ही नहीं पड़ती क्योंकि छतरपुर में जिला खनिज अधिकारी अमित मिश्रा ने अवैध रेत उत्खनन करवाने का ठेका ले रखा है और पूरे जिले में जोर-शोर से अवैध रेत उत्खनन करवा रहे है। खनिज अधिकारी के निवास पर रेत माफियाओं का जमावड़ा लगा रहता है तो यही हाल दफ्तर का है यहां पर वैध काम के लिए उन्हें फुर्सत ही नहीं क्योंकि वह अवैध कार्यों के लिए व्यस्त रहते हैं ।

जल्द ही इनका का काला चिट्ठा मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा । इन्होंने शायद प्राकृतिक भूमि को नष्ट करने का बीड़ा उठाया है, यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में यहां की जमीन बंजर में तब्दील हो जाएंगी और प्रकृति अपना संतुलन खो देगी रहते ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को जिले से हटाया जाना चाहिए ताकि प्रकृति को बचाया जा सके।

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