इतने बरसों में इन के सिवा इस समाज का कोई जज क्यों नहीं
विशेष संवाददाता
लगभग 50साल कांग्रेस राज, लगभग 21साल जनता दल बी जे पी सरकार बनी,परन्तु सुप्रीम कोर्ट की स्थापना आज से लगभग 71 साल पहले 28 जनवरी 1950 को हुई।जिस समाज के जज क्यों नहीं बने?
किस सरकार ने नहीं बनाया, क्यों नहीं बनाया? सोची समझी रणनीति बनाई गई है कि बहुजन हिताय बहुजन सुखाय क्यों ताक पर रख गया क्या आप जानते है कि हिंदुत्व के नाम पर अगड़ावाद तय चलाने वाले इस देश में पिछले 71 सालों में सुप्रीम कोर्ट में आज तक .
कोई बंजारा जज नहीं बना
कोई कुणबी जज नहीं बना!
कोई आदिवासी जज नहीं बना!
कोई पारधी जज नहीं बना!
कोई धनगर जज नहीं बना!
कोई कोळी जज नहीं बना।
कोई सोनार जज नहीं बना।
कोई तेली जज नहीं बना
कोई वडार जज नहीं बना।
कोई वंजारी जज नहीं बना!
कोई गोपाळ जज नहीं बना!
कोई वाणी जज नहीं बना!
कोई बेलदार जज नहीं बना!
कोई गुरव जज नहीं बना!
कोई वाडवलं जज नहीं बना!
कोई कथोडी जज नहीं बना!
कोई रामोशी जज नहीं बना।
सुप्रीम कोर्ट में जज की फेहरिस्त में कोई कुर्मी जज नहीं बना ।
कोई कुशवाहा/मौर्या/शाक्या जज नहीं बना।
कोई गूजर जज नहीं बना।
कोई यादव जज नहीं बना।.
कोई जाट जज नहीं बना ।..
कोई निषाद / विंद / मल्लाह जज नहीं बना।
कोई लोधी जज नहीं बना.।
कोई गड़रिया पाल जज नहीं बना।
कोई राजभर जज नहीं बना।
कोई सेन/ नाई जज नहीं बना
कोई विश्वकर्मा / बढ़ई जज नहीं बन सका।
कोई लोहार जज नहीं बना। .
कोई साहू / तेली जज नहीं बना ।
कोई दर्जी /तमौली जज नहीं बना।
कोई कलवार /कलार जज नहीं बना।
कोई कहार जज नहीं बना।
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कोई चौरसिया/पनवाड़ी जज नहीं बना।
कोई पासवान /पासी जज नहीं बना।
कोई खटीक/सोनकर जज नहीं बना।
कोई बाल्मीकि जज नहीं बना।
कोई कोरी जज नहीं बना।
कोई धोबी जज नहीं बना। .
ये हालत तब है जब सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के लिए कोई परीक्षा नहीं होती है।
6743 जातीयो मे से सिर्फ ब्राह्मण जाती के करीबन 97% जज हाय कोर्ट और सुप्रीमकोर्ट मे बिना परीक्षा के जज बने हाथोडा पिट रहे है।
आरक्षण के नाम से चिल्लानेवाले सनातनी ब्राम्हण हिंदूंओं देखो तुम्हारा सदियोंसे चला आ रहा आरक्षण।
केवल चार पांच जातियों का ही वर्चस्व कायम रहा है।
यह शोध का विषय होना चाहिए कि आज तक इस देश में एक भी लायक नही।
संवाद:पिनाकी मोरे