इस महाविद्यालय की घटिया शैक्षिक व्यवस्था व गुणवत्ता की खुली पोल
जुन्नारदेव
तकीम अहमद जिला ब्यूरो
राजा शंकर शाह यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह 27 सितंबर को
मध्य प्रदेश के राज्यपाल 65 मेधावी छात्रों को करेंगे सम्मानित
इन 65 गोल्ड मेडलिस्ट में 19 छात्र छिंदवाड़ा जिले से
जुन्नारदेव से एक भी विद्यार्थी इस योग्य नहीं?
शासकीय महाविद्यालय जुन्नारदेव की घटिया शैक्षिक व्यवस्था व गुणवत्ता की खुली पोल
जुन्नारदेव-
छिंदवाड़ा की राजा शंकर शाह यूनिवर्सिटी से संबद्ध पांच जिलों के 65 गोल्ड मेडलिस्टो को आगामी 27 सितंबर को महामहिम राज्यपाल के हाथों उपाधियां व मेडल प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय का यह पहला दीक्षांत समारोह होगा। मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा के ऑडिटोरियम में 27 सितंबर को आयोजित होने वाले इस दीक्षांत समारोह में वर्ष 2019-20 एवं 2021-22 के दरमियान पीजी व यूजी के 65 गोल्ड मेडलिस्टों को सम्मानित किया जा रहा है।
इसमें जिले के 19 प्रतिभावान छात्र भी शामिल होंगे। राजा शंकर शाह यूनिवर्सिटी में वर्तमान में इस विवि से बालाघाट, सिवनी, बैतूल, पांढुर्णा और छिंदवाड़ा जिला संबद्ध है।
65 गोल्ड मेडलिस्ट में 19 छिंदवाड़ा जिले से, जुन्नारदेव से एक भी नहीं
छिंदवाड़ा जिले में स्थित राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह में 65 छात्रों को सम्मानित किया जाएगा। यह गर्व का विषय है कि इसमें लगभग 19 छात्र छिंदवाड़ा जिले से शामिल होंगे, लेकिन दुर्भाग्य इस बात का अधिक है कि इसमें जुन्नारदेव महाविद्यालय जुन्नारदेव
का एक भी छात्र का नाम नहीं होना शर्मनाक है। लगातार आर्थिक व अकादमिक सुविधाये प्रदान की जा रही है। लेकिन इस शासकीय जुन्नारदेव महाविद्यालय का कार्यालयीन स्टाफ एवं प्रोफेसर यहां पर अपनी खानापूर्ति करने के लिए ही पहुंच पाते है।
मोटा वेतन और सुविधाएं प्राप्त करने वाले यहां के जिम्मेदार विभाग अध्यक्ष और अध्यापकों का समूह की यही लापरवाही ही यहां की शैक्षिक गुणवत्ता को लगातार घटिया बनाती जा रही है।
इस महाविद्यालय की घटिया प्रबंधन शैली व गुणवत्ताहीन अध्यापन कार्य साथ-साथ प्राध्यापकगणों की वेतन मात्र प्राप्त करने के लिए उपस्थित ही इस दुर्भाग्य का प्रथम कारण है। यहां पदस्थ सहायक प्राध्यापक एवं प्राध्यापकगणो का छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से निरंतर दैनिक आवागमन करना भी यहां की शैक्षिक व्यवस्था लडखडाने का बड़ा कारण है।