किस कारण दंगे कराए जाते है, कौन है इसके सूत्रधार?

विशेष
संवाददाता

भाजपाईओ की राजनीति का लक्ष्य पैसा कमाना है

भाजपाई नेता लोग करोड़ों रुपया खर्च करके चुनाव इसलिए नहीं लड़ते कि वह जनता की सेवा करना चाहते हैं।
बल्कि वह और ज्यादा पैसा कमाना इनकी मंशा होती है
सत्ता में आने के बाद भाजपा के बड़े नेताओं को तो पूंजीपति ठेकेदार और भ्रष्ट अफ़सर पैसा दे देते हैं।
लेकिन जिन गुंडे बदमाशों की मदद से चुनाव जीता जाता है वह कैसे पैसा कमाएंगे ?

इसके लिए दंगे किए जाते हैं

दलितों और मुसलमानों के काम धंधे बंद करवाए जाते हैं
उन्हें जेल में डाला जाता है उनके घर पर बुलडोजर चला दिया जाता है।
जहां उनके काम धंधे चलते हैं वहां पर आग लगाई जाती है दंगा किया जाता है उनकी पूरी अर्थव्यवस्था को नष्ट करके राजनीतिक गुंडे उस पर कब्जा कर लेते हैं।
इस तरह ऊपर से नीचे तक RSS और भाजपा का पूरा राजनीतिक गिरोह पैसा कमाता है।
दंगे मुसलमानों को डराने के साथ साथ उनका आर्थिक नुकसान करने के उद्देश्य से किये जाते हैं,

गुजरात में दंगे करके उनकी दुकानों को चुन चुन कर जलाया गया और लूटा गया,
भिवंडी में दंगे करके उनके कपडे बुनने का काम बंद किया गया,
बनारस में दंगे करके बनारसी कढाई और कपडे बुनने के काम में लगे मुसलमानों की कमर तोड़ दी गई,
मुज़फ्फर नगर में दंगे करके मुसलमानों के काम धंधे बंद करवा दिए गये,
मुरादाबाद मालेगांव में दंगे करके मुसलमानों के पीतल और कपडे बुनाई के काम को नुकसान पहुंचाया गया,

सारा खेल लूट का है,

साम्प्रदायिकता की पूरी लड़ाई आर्थिक साम्राज्य की है,
इस लड़ाई में पैसा भी वही लगाते हैं जिन्हें इस के बाद फायदा होना होता है,
और इसमें पोलिस भी गरीब घरों के लोग होते हैं जिन्हें लूट में हिस्सा मिलने का लालच दिया जाता है और मुसलमानों के बारे में गलत सलत बातों का ज़हर देकर भडकाया जाता है,
लोकल व्यापारी, ज़मीन माफिया, और उद्योगपति दंगे के बाद फायदा लूटते हैं।

लोग बेरोजगार होंगे तभी तो सस्ते मजदूर मिलेंगे,

सब अपने काम धंधे खोल कर बैठ जायेंगे तो सस्ते मजदूर कहाँ से आयेंगे ?
इसलिए काम धंधे बंद करवाए जाते हैं,
दंगा किसी भी धर्म की भलाई के लिए नहीं होता है,
यह आर्थिक साम्राज्य की लड़ाई है,

हिन्दू मुसलमान गरीबों, मेहनतियों, जागो,
दंगाइयों के बहकावे में मत आओ,

अपने असली दुश्मन भाजपाईओ को पहचानो


अपनी असली लड़ाई को पहचानो।
साभार:पिनाकी मोरे

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