क्या अगले लोकसभा चुनाव में इंडिया टुडे का एक्सिस माय इंडिया और एबीपी के सी वोटर्स ने किए गए सर्वे में बीजेपी तीन सौ से चार सौ सीटें जीत पाएगी?

न्यू दिल्ली

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

इति डीकोडम_
बड़े मेहनत से इंडिया टूडे का ‘एक्सिस माय इंडिया ’ और एबीपी के ‘सी वोटर’ ने मिलकर कुछ दिन पहले एक सर्वे जारी किया, जिसमें भाजपा तीन सौ चार सीटें ला रही है ।
अब उसी ‘एक्सिस माय इंडिया ’ के प्रदीप गुप्ता ने भाजपा नीत एनडीए को चार सौ पार करने का खाका तैयार किया है ।

आइए प्रदीप के डिकोड को कोडते हैं !

तस्वीर के एक ओर 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के 210 लोकसभा सीटों में भाजपा और उसके सहयोगियों ने पिछले चुनाव में 197 सीटें जीती । प्रदीप गुप्ता को लगता है इस बार भी उनकी स्ट्राइक रेट बराबर रहेगी । जोकि
गलत लगता है ।

बता दे कि बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान कुछ ही महीनों में लाखों नौकरी देना , जातिगत जनगणना करना और आरक्षण बढ़ाना राजद और जदयू दोनों को फायदा पहुंचाएगी । नीतीश जी के बारंबार पलटने से इसका फायदा जदयू को कम मिलेगा, और फिर भी इसे भुनाने में जदयू कामयाब रही तो जरूरत पड़ने पर INDIA के साथ चुनाव बाद जाने में नीतीश जी की मंशा अभी ही झलक रही है । ऊपर से रामविलास पासवान के बेटे और भाई की लड़ाई से पिछली बार की तरह लोजपा भी सौ फीसद सीट नहीं जीत पाएगी । अगर भाजपा अपने सभी सीटों पर जीत भी जाती है तो 15 से 20 सीटें ही एनडीए को बिहार से जाएगी । 2019 में कांग्रेस ही विपक्ष की ओर से एक सीट जीत पाई थी, इस बार न्याय यात्रा का बिहार में दो बार जाना फायदा पहुंचा सकता है ।

मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद भी कांग्रेस पहले से बेहतर स्थिति में चल रही है । सोनिया का राजस्थान से राज्यसभा जाकर जीत जाना, मध्य प्रदेश में जीतू पटवारी कैसे युवा बागडोर का जोश और छत्तीसगढ़ में सचिन पायलट का प्रभारी बनाए जाना फायदा पहुंचाएगी ।

हिमाचल में कांग्रेस ने भाजपा से विधानसभा चुनाव जीता है और इसका असर लोकसभा में भी पड़ेगा । वहीं दिल्ली में ‘आप’ और कांग्रेस मिलकर लड़ना तय हो चुका है तो ऐसे में सात सीटों में से 3 – 4 सीटें जितना मुश्किल नहीं होगा ।
झारखंड में इकलौते आदिवासी मुख्य्मंत्री की गिरफ्तारी से आदिवासियों में रोष है, इसका फायदा भी INDIA को बेशक मिलना ही है ।
कर्नाटक में कांग्रेस की लहर बरकरार दिख रही है , हरियाणा में किसान आंदोलन और एंटी इनकंबेंसी से विपक्ष को लोकसभा में तो लाभ मिलेगा ही, विधानसभा में भी भाजपा जाते दिख रही है ।
इस हिसाब से पहले तरफ के 197 सीटों में एनडीए को लगभग 50 से 60 सीटों का नुकसान होने जा रहा है ।

दूसरी तरफ बाकी सोलह राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में पिछली बार एनडीए को 333 सीटों में से 155 सीटों को जीत मिली थी । जिसमें से शिवसेना अब एनडीए से बाहर है । इसके बावजूद बीजेपी को 203 सीटे जीतना होगा। पंजाब, केरल,बंगाल और कश्मीर में बीजेपी को कोई फायदा न होगा, तेलंगाना, यूपी और महाराष्ट्र में एनडीए को नुकसान झेलने हीं पड़ेंगे ( यूपी में समाजवादी पार्टी या बसपा कोई एक INDIA में रहेगी ही) ।

तो पिछली बार से 30 – 35 सीटों का नुकसान एनडीए को होगा ।
मैं अभी भी इस बात से सहमत नहीं हूं कि एनडीए सरकार बनाने जा रही है । डिकोडिंग करने वाले डिकोड कर लें , भाजपा इस चुनाव में 220 तथा 250के आगे पार नहीं हो पाएगी । तो इस बार कैसे होगी चार सौ पार ? हां एक बात समझने के लिए कारण बन सकती जोकि ईवीएम मशीन के बलबूते जो इसके पहले बीजेपी के लिए मुमकिन और आसान होता चला आ रहा है। हो सकता है उसी की तर्ज पर उसी के सहारे अबकी बार भी बीजेपी चार सौ पार हो सकती है? ईवीएम न हो तो इस बार बीजेपी की जीत मुश्किल ही नही नामुमकिन है।

संवाद;पिनाकी मोरे

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