क्या आरएसएस,और बीजेपी के पूजनीय गुरु गोलवलकर है?
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो
RSS को ताकतवर संगठन के रूप में स्थापित करने का श्रेय दूसरे किसी को नही बल्कि सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर को जाता है।
आज जो RSS का स्वरूप और कार्यप्रणाली है उसके निर्माता सिर्फ गोलवलकर ही हैं।
बात दें कि गोलवलकर RSS और BJP नेताओं के लिए पूजनीय गुरु हैं। संविधान लागू होने के समय गोलवलकर का विचार जानते हैं।
गोलवलकर कुछ थोड़े बदलाव के साथ मनुस्मृति को ही संविधान का दर्जा देने के हिमायती थे।
भारतीय संविधान पर अपनी राय संघ के मुख पत्र ऑर्गनाइजर में 30 नवंबर, 1949 को अपने संपादकीय में इन शब्दों में प्रकट किया था :- “भारत के संविधान की सबसे खराब बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नही है।
भारत का संविधान में प्राचीन भारतीय कानून और प्राचीन भारतीय संस्कृति के कोई निशान नही है।प्राचीन भारत में सबसे अच्छा संविधान मनुस्मृति है। भारतीय हिंदुओं के लिए वही संविधान सर्वमान्य व सहज स्वीकार्य है। मगर हमारे संवैधानिक पंडितों के लिए इनका सबका कोई अर्थ नही है।
RSS के एजेंडे पर जिस तरह – राम मंदिर, धारा 370, यूनिफॉर्म सिविल कोड है।. उसी तरह संविधान में बदलाव भी RSS का प्रमुख छिपा हुआ एजेंडा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोलवलकर के विचारों को बहुत मानते है।मित्रो इस पर आप लोगों की क्या राय है?
संवाद;पिनाकी मोरे