क्या इस तरह से साजिशो के इस्लामि हुकूमत को जड़ से उखाड़ने में अमेरिका कभी सफल हो पायेगा ?

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रिपोर्टर.

ईरान में जासूसी के लिए सीआईए ने गठित की नई टीम, ‘डार्क प्रिंस’ को दी मुख्य ज़िम्मेदार अमरीका की जासूसी एजेंसी सीआईए ने ईरान में जासूसी और इस्लामी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए जासूसों की एक नई टीम का गठन किया है!

अमरीकी अधिकारियों के मुताबिक़, सीआईए ने मध्यपूर्व में जासूसी का एक नया केन्द्र स्थापित किया है,
जो केवल ईरान के बारे में सूचनाएं जुटाने का काम करेगा।
मध्यपूर्व में सक्रिय रहने वाले सीआईए के अधिकारी माइकल डी एंड्रिया को इस केन्द्र के संचालन की ज़िम्मेदारी दी गई है। डी ऐंड्रिया, डार्क प्रिंस और अंडरटेकर के नामों से मशहूर है।

सीआईए के इस अधिकारी को अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और यमन में अमरीकी ड्रोन हमलों की निगरानी की ज़िम्मेदारी भी दी गई थी।

दरअसल ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से ही, यह देश अमरीका के निशाने पर रहा है।
ईरानी ख़ुफ़िया एजेंसियों की सक्रियता ने सीआईए के जासूसों के लिए इस देश में प्रभाव बढ़ाने को कहीं कठिन बना दिया है।

ईरान के ख़िलाफ़, अमरीका अभी तक अपने किसी मिशन में सफल नहीं हो पाया है.

रिपोर्ट के मुताबिक़, डी एंड्रिया को ईरानी मामलों की ज़िम्मेदारी सौंपने से पता चलता है कि ट्रम्प प्रशासन ईरान को लेकर कठोर नीति अपना रहा है।

अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने सऊदी अरब की अपनी हालिया यात्रा के दौरान, ईरान के ख़िलाफ़ काफ़ी ज़हर उगला था और तेहरान के ख़िलाफ़ रियाज़ के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई थी !

इस यात्रा के दौरान और उससे पहले अमरीकी अधिकारियों ने सऊदी अरब और अन्य अरब देशों के नेताओं के सामने ईरान का ख़ूब हव्वा खड़ा किया और वे किसी हद तक अपनी इस साज़िश में सफल भी रहे।

अमरीका और सऊदी अरब के बीच सैकड़ों अरब डॉलर का समझौता इसका बेहतरीन उदाहरण है !

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