क्या ये सच नहीं है कि राजीव गांधी जी देश के लिए कुर्बान हो गए
मामला राजनीति में मंगल सूत्र का, जुस् को लेकर मोदीजी द्वारा विपक्ष पर न जाने कितनी घिनौनी तोहमत लगाने की कोशिश की जा रही है?
जबकि मंगलसूत्र एक ऐसी चीज है जिसका नाता,और आशय पति की निशानी से जुड़ा है।
क्या ये सच नहीं है कि राजीव जी
इस देश के लिए अपना बलिदान दे दिए?
किसे नहीं पता कि सोनिया जी एक पत्नी के रूप में विदेशी होने के बावजूद भी अपने पति के धर्म, उसके देश, उसकी विरासत को स्वीकार की हुई एक नारी है। उसे सम्हालते हुए एक हिंदुस्तानी नारी का बाइज्जत परिचय दे रही है।
न अभद्र वेष-भूसा, न कोई अभद्र भाषा। अरे सोनिया जी ने विदेशी होने के बावजूद टूटी फूटी ही सही मगर भारत के हिंदी को भी सहजता के साथ स्वीकार किया हुआ है।
शर्म आ रही है?
जिसने खुद अपनी पत्नी के मंगलसूत्र का लाज नहीं रखा, जिसकी पत्नी अपने प्रोटोकाल के अधिकारों के लिए न्यायालय में घूम रही है, उस नाकारा पति के मुख से मंगलसूत्र जैसे पवित्र चीज की बात शोभित नहीं होती।
उस नाकारा को राजीव-सोनिया जी के आदर्शों से एक पति कैसा होता है यह सीखने की आवश्यकता है।
संवाद: पिनाकी मोरे