चांदी के सिक्कों की खनक पर मुजरा करते है,बड़का बाबू
लखनऊ
संवाददाता
वाह रे मध्यांचल विद्युत वितरण निगम
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मे चांदी के सिक्को की खनक पर मुजरा करते है बडका बाबू
लखनऊ – मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मे प्रबन्ध निदेशक की कुर्सी पर अवैध रूप से विराजमान बडका बाबू जो कि व्हाट्स एप के जरिए वितरण निगम को चलाते है और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस वाले दिन महत्वपूर्ण बैठक करते है और जब मौका मिलता है तो बन्द कमरे मे चांदी के सिक्को की खनक पर घुंघरू पहन कर मुजरा भी करने से नही चूकते।
तो पाठक जानना चाहेगे कि कब इन्होने कहा पर बन्द कमरे घुंघरू बांध कर मुजरा किया तो इस मुजरे का माजरा क्या है ?
तो मामला है विराज कंस्ट्रक्शन प्राईवेट लिमिटेड बी बी डी ग्रीन फैजाबाद रोड लखनऊ जिसमे कि मेसर्स विराज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर श्री आर के अग्रवाल पुत्र स्वर्गीय बाबू बनारसी दास टी सी जी /1ए वी /3 , विभूति खण्ड शहीद पथ गोमती नगर लखनऊ के द्वारा एक प्रार्थनापत्र दिया जाता है और उस पर 4 एम वी ए ( एकल बिन्दु मीटरिग) श्रेणी एचवी -1 प्रायोजन वाणिज्य को उनकी मांग के आधार पर तीन चरणो मे विद्युत आपूर्ती किये जाने का 20/06/2016 को एक नया भार स्वीकृत किया जाता है। जो कि माह दिसम्बर 2017 तक 1 एम वी ए 33 के वी विभव पर तक दूसरा चरण 1+1.5 = 25 एमवीए माह जून 2018 तक व तृतीय चरण 2.5 + 1.5 = 4 एमवीए माह दिसम्बर 2018 तक दिये जाना सुनिश्चित हुआ था ।
उपरोक्त विद्युत भार अधार पर 220 के वी प्राथमिक उपकेन्द्र मलेशियामऊ से 33 के वी स्वतंत्र पोशक का निर्माण कर 33 के वी ‘बे’ की उपलब्धता होने पर तीन चरणो मे अवमुक्त करने का आदेश था जिसके निर्माण कार्य का सम्पूर्ण व्यय आवेदक द्वारा यानि विराज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड करने का आदेश था और साथ ही यह भी शर्त थी कि यदि भविष्य मे लखनऊ विकास प्राधिकरण / उत्तर प्रदेश विकास परिषद / नगर निगम अथवा अन्य तत्संबंधित सक्षम विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कोई आपत्ती होती है तो उसकी पूर्ण उत्तरदायित्व उपभोक्ता का होगा व विरल श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों द्वारा पीक आवर्स मे विद्युत भार का उपयोग करने की दशा मे दर सूची के अनुसार टीडिओ मीटिंरिग के आधार पर अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
कार्पोरेशन द्वारा निर्धारित सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के पश्चात ही विद्युत भार अवमुक्त किया जाएगा । कार्य पूर्ण होने के उपरांत सहायक निदेशक, विद्युत सुरक्षा , लखनऊ क्षेत्र से विद्युत सुरक्षा क्षेत्र से विद्युत अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलने के उपरान्त ही इकाई द्वारा विकसित प्रणाली तंत्र को लेसा के नेटवर्क से जोडा जाएगा। अग्निशमन विभाग से प्रमाणपत्र प्राप्त होने पर ही संयोजन अवमुक्त होगा और यह सब डेवलपर को नियमतः 3 वर्षो में कर लेना होता है। विशेष परिस्थिती मे यह अवधी दो साल तक और बढाई जा सकती है परन्तु यहाँ पर तो सभी नियम ताख पर रख कर चाँदी के जूते से सेवा कराई गयी जब कि आवंटियों ने ज्यादा दाम पर टेम्परेरी कनेक्शन के माध्यम से बिजली बेचे जाने का आरोप भी लगा जिसकी जाच करने के लिए दो सदस्यीय समिति गठित कर के जाच की गयी विद्युत आपूर्ती संहिता 2005 यथासंशोधित मे बहुबिन्दु विद्युत भार के संयोजन का चरणवार भार अवमुक्त करना प्रविधानित न होना एव सम्पूर्ण स्वीकृत भार के अनुसार प्राथमिक विद्युत इन्फ्रा का कार्य अपूर्ण होने के दृष्टिगत बहुबिन्दु पर स्थाई विद्युत संयोजन निर्गत किया जाना समचीनी प्रतीत नही होता है* ऐसा दो सदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी आख्या दी थी ।
बता दें कि यह आख्या दो सदस्यीय जाँच समिति ने 28/09/2022 को प्रबन्धनिदेशक को सौंपी थी परन्तु बडका बाबू ने मात्र 33 दिन बाद 31/10/2022 को अपने आदेश में विराज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश विद्युत प्रदत्त संहिता 2005 के क्लाज नम्बर 4.3 के अन्तर्गत स्थाई कनेक्शन देने का आदेश पारित कर दिया। इससे तो यही लगता है कि मध्यांचल विद्युत निगम लिमिटेड में अवैध रूप से तैनात बडकऊ ने बन्द कमरे में चाँदी के सिक्को की खनक के आगे मुजरा कर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को 20739246.00 ₹ का नुकसान करा कर अपनी जेब भरी वैसे होना यह चाहिये था कि पूरा प्रकलन निरस्त कर दिया जाए और प्रकलन फिर से बने व दोनो प्राकलन के बीच आए अन्तर को जमा कराया जाए और जब तक काम पूरा ना हो जाए तब तक इनको किसी भी प्रकार के विद्युत संयोजन देने पर रोक लगा दी जाए।
क्योंकि एक लम्बा समय व्यतीत हो चुका है वर्तमान मे भी इन्फ्रा का कार्य नहीं हुआ है । फिलहाल यह तो मात्र एक घोटाला है अगर इनके कार्यकाल की जांच हो जाऐ तो ना जाने कितने और गम्भीर भ्रष्टाचार होने के साक्ष्य मिलेगें वैसे विराज के साथ इनकी दोस्ती बडी पक्की है मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मे चर्चा है कि अभी हाल ही में गोमती नगर शहीद पथ पर इनकी सिफारिश पर विराज टावर में एक मीटर लगाने वाली बडी कम्पनी को कार्यालय की जगह भी दिलाई गयी है l फिलहाल बडकऊ के दोनो हाथ घी में टिक्के साथ और सर कढाई में है । खैर
युद्ध अभी शेष है
साभार
अविजित आनन्द