जांच टीम ने ऐसा पाया कि रुपए बचाने की लालच में बर्बाद कर दिया गया कपिल धारा का कुंआ
जुन्नारदेव
संवाददाता
शिकायत पर फिर आयी जिले से जांच की टीम शिकायत को पाया सही
कपिल धारा में बनने वाले कुआ का है मामला रुपया बचाने की लालच में बर्बाद हो गया कुंआ
जुन्नारदेव- ग्रा.पं. के नजरपुर के निवासी विजय पाठक की एक शिकायत पर फिर जिले से फिर जांच टीम आयी, एवं जांच करने पर शिकायत को सही पाया, उक्त शिकायत कपिल धारा में बनने वाले एक कुआ निर्माण का है , जिसे रोजगार सहायक ने अपनी लोभ के चलते कुआ को बर्बाद ही कर दिया,
यहां जांच तो बराबर हो रही है, पर कार्यवाही तो हो, यदि कार्यवाही हुयी तो पंचायत के काम में कुछ सुधार आयेगा, एवं आने वाले दूसरे हितग्राहियों को इसका फायदा भी मिलेगा।
सनद रहे कि नजरपुर के निवासी विजय पाठक की माँ- सुशीला बाई के नामपर उनके खेत में कपिल धारा कूप योजना खेत में कुआ का निर्माण होगा, शासन से स्वीकृति मिली, किंतु पंचायत के लोभ के चलते हितग्राही को नहीं मिला फायदा मात्र सरपंच-सचिव-रोजगार सहायक एवं उपयंत्री, एस.डी. ओ., मनरेगा अनधिकारी, पंचायत इन्सपेक्टर और सीईओ जनपद जुन्नारदेव के मात्र स्वार्थ भावना के चलते हितग्राही को न कोई फायदा मिला, और न बनने से राहत जिसके चलते हितग्राही आज भी परेशान है।
सही लागत से बनता तो मिलता फायदा ।उक्त कुआ को 03 लाख 26 799 हजार की लागत से का निर्माण होना था, यदि पंचायत इस राशि से कुआ का निर्माण करती तो व्यवस्थित रूप से कुआ हितग्राही को मिलता। किन्तु रोजगार सहायक ने सिर्फ 02 लाख रु स्वीकृत होना बताया, एवं एक ठेकेदार से 24 फिट खुदायी, 01 बीम एवं 07 रिंग का उपयोग कर कुआ का निर्माण कर दिया,
उतने में अन्दर कच्ची मिट्टी ढाई फिट निकल गई, जिससे क्षेत्र में वर्षा होने पर उक्त कच्ची मिट्टी धसक गई, एवं कुआ में समा गई, जिससे निर्माण हो रहा कुआ बर्बाद हो गया, यदि 03 लाख 26 हजार 799 रु. से निर्माण होता तो कुंआ और अधिक खुदाई, एवं 05-06 रिंग और डलती जिससे यह स्थिती ही नहीं होती।
रुपया को बचाने की लालच में हुयी यह स्थिती हितग्राही की यह स्थिती हुयी,।
ठेकेदार ने 2 लाख रु. की राशि से ठेका दे आधा अधूरा हुआ कुआं का निर्माण करा दिया, वही 92 हजार मजदूरी के नाम पर राशि निकलवा लिया, जबकी जिनके नाम पर राशि निकली, वे मजदूर एक दिन भी कुआ में काम ही नहीं किये।अधिकारी एक दिन भी नहीं आये निर्माण स्थल पर।
इस निर्माण कार्य में उपयंत्री एवं सीईओ का महत्व पूर्ण रोल रहता है, क्योंकि एक जहाँ मुल्याकंन करता, तो दूसरा रुपया जारी करता, किंतु इनके द्वारा स्थल पर न आने से स्थिती बनी ।
जिला कलेक्टर – जिला पंचायत के सीई. ओ से जांच करा रहे है, वह सो ठीक है, किन्तु जो मामले आईने की तरह साफ हो, तुरन्त ठोस कार्यवाही एवं FIR दर्ज करे, तब ही इस जांच से पंचायत भय भीत होगी।
जिला ब्यूरो – मनोज डोंगरे