जानिए आज के दिन महाराष्ट्र दिन,और मज़दूर दिन क्यों मनाया जाता हैं ?

संवाददाता

पंजाब में 1 मई को छुट्टी का ऐलान : स्कूल-कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान रहेंगे बंद, मजदूर दिवस के चलते लिया फैसला

पंजाब में 1 मई 2024 यानी बुधवार को स्कूल, कॉलेज और सभी शैक्षणिक संस्थान पर सरकारी छुट्टी रहेगी। इसी तरह और भी जानकारी के अनुसार, बुधवार को पूरे देश में मजदूर दिवस और खास कर के महाराष्ट्र में महाराष्ट्र दिन धूमधाम से मनाया जाना है.।

इसी को देखते हुए महाराष्ट्र और पंजाब सरकार ने अपनी वार्षिक छुट्टियों की लिस्ट में उक्त ऐलान किया है। साल 2024 की छुट्टियों की लिस्ट में 1 मई की छुट्टी का भी ऐलान किया गया है

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है। पहली बार मजदूर दिवस 1889 में मनाने का फैसला लिया गया था। इस दिन को मनाने की रूपरेखा अमेरिका के शिकागो शहर से बनने लगी थी, जब मजदूर एक होकर सड़क पर उतर आए थे।

क्यों मनाते हैं मजदूर दिवस

1886 से पहले अमेरिका में आंदोलन की शुरुआत हुई थी। इस आंदोलन में अमेरिका के मजदूर सड़कों पर आ गए। अपने हक के लिए मजदूर हड़ताल पर बैठ गए। इस आंदोलन का कारण मजदूरों की कार्य अवधि थी। उस दौरान मजदूर एक दिन में 15-15 घंटे काम करते थे। आंदोलन के दौरान मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी। इस दौरान कई मजदूरों की जान चली गई। सैकड़ों श्रमिक घायल हो गए।

इसी तरह हर साल 1मई को मनाया जानेवाला महाराष्ट्र दिवस महाराष्ट्रीयों के दिलों में एक खास स्थान रखता है।क्योंकि यह पच्चिमी भारतीय राज्यके गठन का प्रतीक है।
भाषाई आधार पर बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के बाद 1मई 1960को महाराष्ट्र अपने अस्तित्व में आया। इस अधिनियम ने ही तत्कालीन बॉम्बे राज्य से नए राज्य बनाएं मराठी भाषी लोगोंके लिए महाराष्ट्र और गुजराती भाषियों लोगो के लिए बना था राज्य।

बता दें कि 1960से पहले महाराष्ट्र बड़े बॉम्बे राज्य का एक हिस्सा था। जिस में वर्तमान महाराष्ट्र,गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल थे। यहा लोग मराठी,गुजराती, कच्ची और कोंकणी जैसी विभिन्न भाषाएं बोलते थे। हालांकि क्षेत्रों के बीच भाषाई और सांस्कृतिक अंतर को देखते हुए राज्य पुनर्गठन आयोग ने भाषा के आधार पर राज्य के गठन की सिफारिश की।

इसके बाद मराठी भाषी के लोगों के लिए महाराष्ट्र एक अलग राज्य के रूप में स्थापित हुआ। जिसकी राजधानी मुंबई पहले बॉम्बे नाम से मशहूर थी।

लोगों ने किया था आंदोलन

महाराष्ट्र राज्य गठन केवल एक सरकारी फैसला नही था ये उन मराठी भाषी लोगों की आकांक्षाओं और संघर्ष की जीत थी। जिन्हो ने अपनी भाषाई पहचान और सांस्कृतिक स्वायत्तता के लिए बड़ा संघर्ष किया। लोगों के व्यापक विरोध प्रदर्शनों, रेलियो और प्रदर्शनों की विशेषता वाले संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन ने राज्य को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

संघर्ष की जीत

ये यह महाराष्ट्र दिवस भाषाई और सांस्कृतिक अधिकारों के लिए कठिन संघर्ष की जीत का जश्न है। यह उन अनगिनत लोगों के बलिदान के सम्मान का दिन है जिन्होंने महाराष्ट्र के गठन के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।

संवाद:एडमिन
और

मोहमद अरशद

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