जाने कैसे किया जाता है मक्का व मदीना की मस्जिदों में सबसे अच्छी खुशबुओं का इंतजाम?
विशेष संवाददाता
मक्का व मदीना की मस्जिदों में खुशबू का इंतजाम
ऊद एक खुशबूदार लकड़ी है जिसे हिन्दी में अगर और इंग्लिश में equilaria कहते हैं इस लकड़ी के धुआँ से खूशबू फैलती है और इस का इत्र भी तैयार होता है यह सब से महंगी खूशबू मानी जाती है।
ऊद के पेड़ मलेशिया इंडोनेशिया कंबोडिया म्यांमार थाईलैण्ड और कीनिया में पाए जाते हैं पर सबसे अच्छा ऊद भारत के असम और उस से सटे बंग्लादेश के क्षेत्रों का माना जाता है।
हर साल विश्व में जो ऊद की बिक्री होती है उस का 62% अकेले सऊदी अरब खरीदता है। सन 2022 में सऊदी अरब ने तीन बिलियन रियाल यानी 900 मिलियन डालर का ऊद आयात किया था।
सऊदी अरब इतने बड़े पैमाने पर ऊद इस लिए आयात करता है ताकि उस की खुशबू हरमैन यानी मक्का की मस्जिदे हराम और मदीना की मस्जिदे नब्वी में इस्तेमाल किया जा सके।
रोजाना पांच बार हजरे असवद, रुक्ने यमानी और मुल्तज़मे काबा की धुलाई होती है जिस में ऊद के इत्र इस्तेमाल होता है और दोनों मस्जिदों में ऊद का धुआँ फैलाया जाता है।
हरमैन शरीफैन में खुशबू का इस्तेमाल इतनी पाबन्दी और बड़े पैमाने पर होता है कि इसके लिए बाकायदा अलग से विभाग बना हुआ है जो रियासते हरमैन शरीफैन के अंतर्गत आता है।
बताते हैं कि कुरआन सूरा अल बकरा की एक आयत है जिस में बताया गया है कि अल्लाह ने हजरत इब्राहिम व इस्माइल को हुक्म दिया था कि तुम दोनों मेरे घर को तवाफ, एतेकाफ, रुकू और सजदा करने वालों के लिए पाक व साफ रखो और हजरत आयशा से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल सल्ललाहू अलैहे वसल्लम ने फरमाया कि पाक व साफ रखने में खुशबू का इस्तेमाल भी शामिल है।
इसी को ध्यान में रखते हुए मक्का व मदीना में किसी की भी हुकुमत कायम रही है सब ने खुशबूओं का इंतजाम किया है। किसी ने छोटे तो किसी ने बड़े पैमाने पर सिर्फ करामता को छोड़कर। खुद रसूल-अल्लाह सल्ललाहू अलैहे वसल्लम ने इस की शुरुआत की थी।खुद आप सलल्लाहु अलयही वो सलम का पूरा जिस्म मुश्क,अंबर की खुशबू से मुअत्तर था। जिस जगह आप आते जाते पूरा इलाका खुशबुओं की महक से खिल उठता। सोने से भी ज्यादा महंगी उद बिकती है।
संवाद;मोहमद अफजल इलाहाबाद