जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के स्टेट मार्केटिंग हेड जैसी शख्सियत को नाहक आतंकवादी बताकर 12 साल जेल में ठूंसा जा सकता है तो आम गरीब मुसलमानो क्या खाक बख्शेंगे ?
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रिपोर्टर:-
आतंकवाद के नाम पर 10से 20साल के बाद मुसलमानो को अदालत बा इज्जत बरी करती है ऐसे में क्या
उन्हे इंसाफ मिलता है?
जान्सन ऐन्ड जान्सन जैसी अमेरिकी कंपनी का स्टेट मार्केटिग हेड तारिक अहमद डार जैसी शख्सियत को आतंकवाद के नाम पर झूठा फंसाकर 12 साल जेल में बंद किया जा सकता है तो आम गरीब मुसलमानों का क्या ?
एक मल्टीनेशन अमेरिकी कंपनी बैक्टनडिकेन्शन इंडिया लिमिटेड के एरिया सेल्स मैनेजर सैय्यद वासिफ हैदर पर पुलिस हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकवादी बता कर 8 साल जेल में बंद कर सकती है तो आम गरीब मुसलमानों का क्या ?
क्या आतंकवाद के नाम पर जेलों में 10-15-20 साल से बंद मुसलमानों को जब अदालत बाइज़्ज़त बरी करती है तो क्या उनको न्याय मिलता है ?
ऐसे तमाम बाइज़्ज़त बरी हुए लोगों की साँस रोक देने वाली कहानी पढ़ने के लिए आपको एमोज़ोन पर जाकर मनीषा भल्ला और डाक्टर अलीमुल्लाह खान की किताब बाइज़्ज़त बरी ?ज़रूर मंगा कर पढ़नी चाहिए।
इस देश में आतंकवाद के नाम पर बेकसूर लोगों को 20-20 साल जेल में बंद रखने और टार्चर करने पर लगभग सैकड़ों किताबें आ चुकी हैं।
यह किताबें सारे सिस्टम और सरकारों को नंगा कर चुकी हैं फिर भी अलकायदा जैसे खूँखार संगठन के नाम पर कुछ लोग कुकर की बरामदी पर गिरफ्तार कर लिए जाते हैं?
अभी भी किताब पढ़िएगा , रोंगटे खड़े हो जाएँगे , अभी सिर्फ तारिक अहमद डार , मुहम्मद हुसैन फाज़ली और रहमाना यूसुफ फारुकी और सैय्यद वासिफ हैदर की कहानी पढ़ी , खून खौल गया।