जो चल बसे उन्हे अपना सलाम है,अलविदा अलविदा या हुसैन के नारों की सदा ओ से गूंजते हुए निकाला गया जुलूसे अमीर
मुंबई
मलाड ,मालवनी
संवाददाता
हुसैन यू ही नही सर कटा के सोए है।
ज़माना सोया था उसको जगा के सोए है।
जला के शम्मे हिदायत अजल तलक के लिए
चरागे बैय्यते फासिक बुझा के सोए: है।
बचे तो अगले बरस हम हैं और यह गम फिर है।
जो चल बसे तो यह अपना सलाम है आखिर है ।
अलविदा अलविदा या हुसैन अलविदा की सदा के साथ निकाला गया अमांरी का जुलूस।
दिनांक 12/9/2024 को गेट नंबर 6 दादी के इमामबाड़े से उठकर गेट नंबर 5 तक होता हुआ प्लॉट नंबर 3 पर सकुशल अपने कदीम रास्तों से होता हुआ अमारी का जुलूस सैयद अनवर हुसैन की सदारत में सकुशल संपन्न हुआ।
बड़ी संख्या में बच्चे बड़े बुजुर्ग
हर धर्म के लोगों ने अपनी भावभीनी आखिरी श्रद्धांजलि सैयदा के लाल को देते हुए अलविदा अलविदा या हुसैन अलविदा
की आवाज बुलंद करते हुए
इमाम हुसैन (अ स) को अश्कों
से भरा नजराना पेश कर विदा किया।
मालवानी पुलिस प्रशासन का इस जुलूस में खास बंदोबस्त देखा गया।
इसलिए अंजुमन के सदर सैयदअनवर हुसैन ने मालवणी पुलिस के सीनियर और पुलिस जवानों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।
पत्रकार सैयद जमाल अख्तर मलाड वेस्ट मुंबई
मीडिया डीटेक्शन