दिल्ली उच्च न्ययालय ने कहा है कि शादी के तुरंत बाद बेवफाई का पता चलने से पत्नी के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है गहरा और विनाशकारी प्रभाव
कोपागंज
मऊ
संवाददाता
अरविन्द कुमार त्रिपाठी एडवोकेट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि शादी के तुरंत बाद बेवफाई का पता चलने से महिला के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है गहरा और विनाशकारी प्रभाव
अदालत ने उस व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसकी पत्नी ने शादी के महज 13 दिन बाद कर ली थी आत्महत्या ।दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लिया कि मृतका को शादी के एक दिन बाद अपने पति के विवाहेतर संबंध के बारे में चला पता।
अदालत ने कहा कि बेवफाई का पता चलने का भावनात्मक आघात और बाद में जीवनसाथी द्वारा किया गया बुरा व्यवहार संबंधित महिला को आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाने के लिए कर सकता है प्रेरित। न्यायाधीश स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा वर्तमान मामले में, यह देखा गया है कि शादी के तुरंत बाद बेवफाई का पता चलने से पीड़ित के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है गहरा और विनाशकारी प्रभाव एवम सदमे की भावना हो सकती है भारी।
अदालत ने कहा एक महिला ने विश्वास और उम्मीद के साथ की होगी शादी, जो मौजूदा मामले में प्रथम दृष्टया उसके पति के कथित विवाहेतर संबंध के रहस्योद्घाटन से टूट गयी थी।अदालत ने कहा कि आरोपी पति को जमानत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है मौजूद।
बताते चलें कि पति पर अपनी नवविवाहित पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का लगा है आरोप
गौरतलब है कि इस जोड़े की शादी 18 मई, 2022 को हुई थी और महिला ने पिछले साल ही 30-31 मई की दरमियानी रात को छत के पंखे से लटककर कर ली थी आत्महत्या।.मृतका के पिता की शिकायत पर दिल्ली के रंजीत नगर थाने में आपराधिक मामला किया गया है दर्ज।
मृतका के पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी के पति का विवाहेतर संबंध था, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या को अंजाम दिया। हालांकि, आरोपी पति के वकील ने मुवक्किल को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसका अपनी पत्नी की आत्महत्या से नहीं है कोई लेना-देना। .वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के अपनी पत्नी से अच्छे संबंध थे और वह अपनी पत्नी की आत्महत्या के बारे में जानकर सदमे में था।