पांच किलो राशन की स्कीम कांग्रेस की देन है बीजेपी कथित झूठ, फैला रही है
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो
मोदी और भाजपा राशन को लेकर भयंकर झूठ फैला रहे हैं। राशन की असली क्रोनोलॉजी समझिए
80 करोड़ भारतीयों के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2011 की जनगणना के आधार पर) सितंबर 2013 में पारित किया गया था। इसका सिर्फ़ एक मुख्यमंत्री ने लिखित में विरोध किया था : गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने।
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 को लागू करने के लिए कुछ नहीं किया।
कोविड महामारी के दौरान उन्होंने अचानक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 का नाम बदलकर प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) कर दिया और मुफ़्त राशन योजना के रूप में इसकी मार्केटिंग की।
तय समय पर हर दस साल में होने वाली जनगणना को 2021 में न करवाकर कम से कम 14 करोड़ भारतीयों को PMGKAY के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित कर दिया गया है। जनगणना अभी तक नहीं हुई है।
जब मई 2023 में विधानसभा चुनाव में कर्नाटक के लोगों ने भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया, तब प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की अन्न भाग्य – 10 किलो मुफ़्त चावल देने की गारंटी को विफल करने की कोशिश करके कन्नडिगाओं (जिन्हें अक्सर कन्नड़ लोग कहा जाता है) से अपना बदला लिया, लेकिन कांग्रेस की राज्य सरकार डटी रही और अन्न भाग्य योजना को लागू कर रही है।
कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गारंटी दी है कि 4 जून, 2024 को जनादेश मिलने के बाद INDIA गठबंधन की सरकार कर्नाटक की तरह पूरे देश में ग़रीबों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना/ प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्ना योजना के तहत मिलने वाले अनाज की मात्रा दोगुनी करेगी यानी 10 Kg अनाज देगी।
संवाद;पिनाकी मोरे