पोल खुलने की डर से संसद चलने नहीं दिया जा रहा है,इन दोनों का रिश्ता क्या है?

विशेष संवाददाता
एवं ब्यूरो

पोल खुलने के डर से संसद नहीं चलने दे रहे मोदी, जार्ज सोरोस का फर्जी शिगूफा

BJP के लिए अडानी काल बन चुका है। अडानी की करतूतों को छिपाने के लिए मोदी सरकार संसद नहीं चलने दे रही है। BJP को डर है कि अगर मोदी-अडानी के संबंधों का सच देश जान गया तो बड़ी समस्या हो जाएगी। इसीलिए अब BJP की नई मोडस आपरेंडी है- जार्ज सोरोस मुद्दा।

देश की संसद देश के मामलों पर चर्चा होने के लिए बनी है। संसद की एक दिन की कार्यवाही का खर्च लगभग 2 करोड़ रूपये से ज्यादा है। ये पैसे देश की आम जनता से वसूला जाता है। मगर आज सरकार जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं करने दे रही है। बड़े शर्म की बात है।
विपक्ष चाहता है कि कमजोर होती हुई इकोनॉमी पर चर्चा हो, जलते हुए संभल पर चर्चा हो, सालों से सुलग रहे मणिपुर के लिए शांति का रास्ता खोजा जाए, बेरोजगारी और भुखमरी पर सदन में चर्चा हो, मगर सरकार के इशारे पर हर दिन सदन स्थगित किया जा रहा है।

ऐसा पहली बार हो रहा है कि विपक्ष सदन चलाने के लिए प्रदर्शन कर रहा है, जबकि सत्ता पक्ष के सांसद अपने आका मोदी के मालिक अडानी के ऊपर पर्दा डालने के लिए लगातार हंगामा करके सदन स्थगित करा दे रहे हैं। विपक्ष भी तो यही कह रहा है कि अगर अडानी सही हैं तो सरकार चर्चा करके जांच क्यों नहीं करवा दे रही है?

अब अडानी के मुद्दे से देश का ध्यान भटकाने के लिए BJP ने जार्ज सोरोस नया शिगूफा छोड़ा है। बिना किसी तथ्य और सबूत के BJP सोरोस से कांग्रेस का संबंध बता कर देश को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। BJP-RSS के इशारे पर छेड़े गए इस प्रोपेगेंडा को गोदी मीडिया भी खूब फैला रही है, ताकि अडानी के काले कारनामों और प्रधानमंत्री का असली चरित्र ढंका रहे।

आप देख लीजिएगा, ऐसे करते- करते एक दिन संसद का सत्र बीत जाएगा, प्रधानमंत्री और उनके मंत्री चुनावी रैलियां करते दिखेंगे। आम आदमी की परेशानियां और समस्याएं जस की तस रह जाएगी। फिर कोई नया मणिपुर या संभल पैदा होगा।

आप खुद सोचिएगा कि मोदी और अडानी के बीच में ऐसा क्या है, जिसकी पोल खुलने के डर से पूरी सरकार इतना डर गई है।
साभार;पिनाकी मोरे

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