मुम्बई उच्च न्यायालय ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में सीबीआई को क्यों लगाई फटकार ?

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मुंबई:-जैन शेख.

मुम्बई माननीय उच्च न्यायालय ने 29 सितम्बर2017 (शुक्रवार)को सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन शेख के द्वारा प्रस्तुत रिट पिटीशन की सुनवाई करते हुए सीबीआई को कहा कि निचली “अदालत के फैसले से सीबीआई को भी उतना ही परेशान होना चाहिए था,जितना रुबाबुद्दीन को परेशानी हुई है ।

और उसको भी निचली अदालत के आदेश को चुनौती देनी चाहिए थी।

इससे लगता है कि मामले में निष्पक्षता से काम नही हुआ है?
सोहराबुद्दीन ओर उनकी पत्नी कौसर बीबी की हत्या कथित एनकाउंटर केस में 29 सितम्बर 2017 को मुम्बई हाई कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि क्या वजह है कि सीबीआई ने निचली अदालत के अगस्त 2016 ओर अगस्त 2017 के उन आदेशो को चुनौती नही दी !
जिनके द्वारा आईपीएस अफसर राजकुमार पांडियन, डी जी बंजारा ओर एम एन दिनेश, को डिस्चार्ज कर दिया गया था !

माननीय अदालत ने अगली सुनवाई 12 अक्टूबर की नियत करते हुए हिदायत दी है कि हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक निचली अदालत में लंबित इस मामले में आरोप निर्धारित न किये जाए।
रुबाबुद्दीन शेख़, जो कि मरहूम के भाई है,ने तीनों अफसरों को दी गई क्लीन चिट के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

इससे पहले इस मामले की सुनवाई गुजरात हाईकोर्ट में होना थी ।
मगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से गुजरात से मुम्बई हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दी गई।

निचली अदालत ने तीनों अफ़सरो को इस आधार पर बरी कर दिया था कि सीबीआई ने उन पर मुकदमा चलाने की सरकार से अंतर्गत धारा 197 सी आर पी सी,पूर्व अनुमति नही ली थी?

हाईकोर्ट ने यह सवाल भी पूछा कि क्या हत्या/फ़र्ज़ी एनकाउंटर जैसे गम्भीर मामले में पूर्वानुमति का न होना,किसी को बरी करने का उचित आधार हो सकता है ?

याद हो कि सोहराबुद्दीन ओर उनकी पत्नी को 2005 में गुजरात ATS द्वारा उठा लिया गया था, जब वे हैदराबाद से सांगली (महाराष्ट्र) को जा रहे थे।
नवम्बर 2005 में गांधीनगर के पास उनको मुठभेड़ में मारा गया बता दिया गया?

उनकी पत्नी का कुछ भी पता नही चल पाया था ! इस मामले में कुल 38 अभियुक्त है,जिनमे 15 को निचली विशेष अदालत ने तकनीकी आधार पर बिना आरोप निर्धारित किये बरी कर दिया था,इनमे 14 ,I.P.S. अफसर थे।

सीबीआई ने केवल एक अफसर एन. के.अमीन के बरी किये जाने को ही चुनौती दी थी।
प्रजापति,जो कि सोहराबुद्दीन मरहूम का सहायक था,कि बनासकांठा ज़िला के छापरी गांव के पास कथित मुठभेड़ में मोत हो गई थी!
इस तरह यह मामला 3 लोगो के फ़र्ज़ी एनकाउंटर/हत्या का है !

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