मोदी जी तीसरी बार बने पीएम, बहुमत नहीं हेरा फेरी ,और गोलमाल है सब
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो
इस कांड पर शायद ही किसी। खास लोगों की नजर होगी।
हर लोकसभा में एवरेज लगभग 28 हजार वोट फर्जी बढ़ाए गए, अगर चुनाव आयोग ईमानदार होता तो इस 2 करोड़ फर्जी वोट की जांच होती, कठोर कार्यवाही होती या इस फ्रॉड की नौबत ही नहीं आती।
अगर ऐसा होता तो रिजल्ट कुछ इस तरह आता
इंडिया गठबंधन – 355
एनडीए – 169
जिसमे बीजेपी -117 और अन्य 15-20 पर सिमट जाते।
अगर यह चुनाव बैलट पेपर से हुआ रहता तो
इंडिया गठबंधन – 427 एनडीए – 92
जिसमें बीजेपी -37 और अन्य 20-25 सीट पाते।
गौर करने वाली बात है कि इस चुनाव में विपक्ष को सत्ता पक्ष की तरह लेवल ग्राउंड नहीं मिला, बिकाऊ मीडिया, ईडी सीबीआई और चुनाव आयोग ने एक तरफा बीजेपी को समर्थन दिया, पीएम केयर फंड और इलेक्टोरल बॉन्ड की अथाह संपत्ति ने बीजेपी को इस चुनाव में एक प्लेयर की तरह नहीं बल्कि स्पेशल केयर की तरह सपोर्ट किया।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का खाता सीज कर दिया गया, विपक्ष के दो दो मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया गया, मीडिया को बंधन बना कर इतना कंट्रोल किया गया कि महंगाई बेरोजगारी, बीजेपी के भ्रष्टाचार, उनके नेताओ के हत्या और बलात्कार पर डिबेट बंद हो गई, इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया ने न केवल बीजेपी और मोदी को फुल कवरेज दिया बल्कि खुल्लम खुल्ला इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के खिलाफ निगेटिवटी भी फैलाई।
बावजूद इसके
इंडिया गठबंधन – 235, एनडीए गठबंधन – 292 और अन्य को 16 सीट मिला।
अंधभक्त लोग सत्य की कसौटी पर रख कर अगर इस चुनाव का विश्लेष्ण करें तो बीजेपी 37- 40 और एनडीए को 100 सीट से ज्यादा मिलने की कहीं से भी कोई गुंजाइश नहीं दिखती।
बीजेपी की जीत अगर ये हकीकत है तो अंतर से नही जीते हैं बल्की DM और चुनाव आयोग ने व्यवस्था बनार्ड है जिताने की।
संवाद;पिनाकी मोरे