यहां जबरदस्त भरष्टाचार,इस सीएमओ ने पाल रखे है दलाल,लाखों रुपए का घोटाला
संवाददाता
नगर पालिका परिषद महाराजपुर में जबरदस्त भ्रष्टाचार सीएमओ प्रताप नारायण मिश्रा ने पाल रखे दलाल, अध्यक्ष श्रीमती सपना महादेव खटीक बनी कठपुतली.
महा भ्रष्ट, नगर पालिका परिषद महाराजपुर में उपयंत्री महेश असाटी द्वारा कागजों में निर्माण कर लाखों रुपयो का घोटाला एक ही काम को कई बार दर्शाकर निकाली राशि
पंकज पाराशर छतरपुर✍️
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार जनता को राहत देने के लिए हर एक प्रयास कर रही है, लेकिन उनके ही मातहथ अफसर योजनाओं को पलीता लगाने पर आमदा है ।
छतरपुर जिले की नगर पालिका परिषद महाराजपुर में इन दिनों जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है ।
छतरपुर जिले की नगर पालिका परिषद महाराजपुर में उपयंत्री महेश असाटी के माध्यम से सीएमओ विवेक नारायण मिश्रा के द्वारा लाखों रुपए के फर्जी भुगतान किए गए हैं। उक्त भुगतानों की शिकायत नगरीय प्रशासन भोपाल कर दी गई हैं, शीघ्र ही नगर पालिका की ऑडिट से बड़ा खुलासा होने वाला है ।
बगैर ऑडिट किए ही लाखों रुपए के फर्जी भुगतान किए गए हैं। इतना ही नहीं चहते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी टेंडर जारी किए गए टेंडर उन समाचार पत्रों में प्रकाशित किए गए जो मध्य प्रदेश सरकार से अधिकृत ही नहीं है । नगर पालिका परिषद महाराजपुर में दलाल पाल रखे हैं, इससे मुख्यमंत्री की साख को बट्टा लगा रहे है। यहां पर अध्यक्ष श्रीमती सपना महादेव खटीक बनी कठपुतली है।
वहीं लोकसभा इलेक्शन के दौरान प्रशासन गुमराह कर लाखों रुपए के भी फर्जी भुगतान सीएमओ विवेक नारायण मिश्रा के द्वारा किए गए । लाखों रुपए के फर्जी घोटाले में उपयंत्री महेश असाटी के ऊपर कठोर कार्रवाई किया जाना बेहद आवश्यक है ।
सरकार की जनहित कारी योजनाओं का अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। वास्तविक हितग्राही योजनाओं से कोसों दूर है । जिस कारण क्षेत्र के लोगों में सरकार के प्रति भी आक्रोश पनप रहा है। नगर पालिका परिषद महाराजपुर में सीएम हेल्पलाइन की हजारों शिकायतें पेंडिंग है।
शासकीय विभागों में लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा रहा हैं, इसके बावजूद भी नगर पालिका परिषद महाराजपुर में सीएमओ विवेक नारायण मिश्रा और उपयंत्री महेश असाटी की कर शैली में कोई सुधार नहीं देखा जा रहा है। कई लोगों के द्वारा लोकायुक्त संगठन सागर में शिकायत की जा चुकी हैं, जल्द ही भ्रष्टाचार संबंधित कार्यवाही देखने को मिल सकती है। जिसमें नगर पालिका के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़ा जा सकता है।