राहुल गांधी पप्पू है, ,मजाक बना कर देशको लूटने का गोरख धंधा चल रहा है आमजनता को कब तक मूर्ख बनाते रहोगे?

रिपोर्टर::-
तथ्यों पर बात करें.झूठाप्रचार नहीं!
मोदी सरकार, गोदी मीडिया और BJP ITसेल के तथ्यहीन और झूठे प्रचार के अनुसार!मान लेते हैं कि राहुलगांधी पप्पू हैं!पर ये बतायें कि?
क्या देश में कांग्रेस की सरकार है ?
क्या राहुल गांधी देश का प्रधानमंत्री है या थे?
ओह देश का वित्त मंत्री है या थे?
देश का स्वास्थ्य मंत्री है या थे?
या फिर देश का रक्षा मंत्री है या थे?
बताइए इनमें से क्या है राहुल गांधी?वो पहले भी एक सांसद थे और आज भी एक सांसद हैं!
जो आप बात बात में राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हैं, या फिर उससे सवाल करते हैं ?
क्या आज ₹60 वाला पेट्रोल इसीलिए ₹100 में बिक रहा है कि राहुल गांधी पप्पू हैं?
क्या 10 करोड़ लोगों की नौकरी इसीलिए चली गई कि राहुल गांधी पप्पू हैं ?
क्या देश की अर्थव्यवस्था इसीलिए डूब गई कि राहुल गांधी पप्पू है ?
क्या कोरोना केसेस की संख्या करोड़ों में इसलिए पहुंच गई कि राहुल गांधी पप्पू है ?
क्या देश की सीमाओं पर चीन ने जो घुसपैठ की है,
और नेपाल भूटान और पाकिस्तान इसीलिए देश को आंख दिखा रहे हैं क्योंकि राहुल गांधी पप्पू है।
क्या देश इसीलिए तबाही की कगार पर खड़ा है क्योंकि देश की सबसे बड़ी समस्या राहुल गांधी है ?
क्या देश की संपत्तियों को राहुल गांधी बेच रहा है?
हे भारतीय महामानवो,
देश में भाजपा की सरकार है,
और बीते 7 सालों से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं,
और देश की अर्थव्यवस्था, लोगों के लिए रोजगार, लोगों के स्वास्थ्य की चिंता, और देश की सीमाओं की रक्षा की जिम्मेदारी मोदी जी की सरकार की है,
देश में किसी भी समस्या के लिए सरकार से गुहार लगाई जाती है।
देश के लोगों के लिए बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के इंतजाम की जिम्मेदारी सरकार की होती है।
बाहरी शत्रुओं से देश को बचाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है।
सरकार सिर्फ अम्बानी-अडानी जैसे अपने दो चार मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं होती।
सरकार BSNL, BPCL और LIC जैसी भारी कमाई देने वाली दर्जनों कंपनियां बेचने के लिए नहीं होती।
चीनी घुसपैठ जैसे गंभीर मामले में देश से झूठ बोलने के लिए नहीं होती।
सरकार सिर्फ जनता को लूटने और खून चूसने के लिए नहीं होती।
किसी भी नाकामी के लिए सरकार से सवाल पूछे जाते हैं।
अगर राहुल गांधी देश की सबसे बड़ी समस्या है तो सत्ता में बैठी सरकार से कहिए कि उसे फांसी पर चढ़वा दे।
लेकिन देश को बर्बाद होने से बचाईये।
अन्यथा सत्ता पर काबिज देश के नकारे, निकम्म्मे असली पप्पू, घोंचू और मंदबुद्धि को पहचानिए।
अगर हिम्मत है तो उस असली ग्लोबल पप्पू से सवाल पूछिए।
उसके अंधभक्त बनकर अपनी शिक्षा, डिग्री और समझ पर प्रश्नचिन्ह मत लगाइए।
सिर्फ वन्दे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाना देशभक्ति नहीं है।
सरकार के हर निकम्म्मेपन और मूर्खता का बचाव कांग्रेस नेहरू के नाम गलतबयानी करना देशभक्ति नहीं है।
सत्ता पर काबिज असली पप्पू की अंधभक्ति करना और राहुल गांधी का मजाक उड़ाना देश भक्ति नहीं है।
देश भक्ति है सरकार में बैठे लोगों से सवाल पूछ कर उन्हें जवाबदेही बनाना।
देशभक्ति है हर जनविरोधी निर्णय पर सरकार का विरोध करना।
देशभक्ति है देश की किसी भी तरह की बर्बादी के खिलाफ मुखर होना।
देशभक्ति है संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता को नष्ट करने के खिलाफ आवाज उठाना।
कांग्रेस ने अगर कुछ गलत किया होगा इसकी सजा लोकतंत्र ने उसे 400से 50पर पहुंचाकर विपक्ष में बैठाकर दे दी है।
इसका मतलब ये नहीं कि केंद्रसरकार और भाजपा अपनी नाकामी का ठीकरा नेहरू, गांधीपरिवार या राहुल पर ही फोड़ते रहें?
लोकतंत्र में विपक्षी दलों और नेताओं को कोसकर या झूठ फैलाकर नहीं जनहितमें काम कर आमजनताके दिलों में जगह बनाई जाती है!
आम जनता को आखिरकार कब तक मूर्ख बनाओगे?
अब भी समझ गए या नहीं।
व्यक्तिगत विचार।