रेलवे में नौकरी दिलाने वाले जालसाजो का पर्दाफाश

बिहार
संवाददाता एवं ब्यूरो

रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, i-card के साथ पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार; अधिकारी पर भी उठने लगे सवाल

बिहार के वैशाली से एक सनसनीखेज मामला निकल कर सामने आया है। जहां रेलवे के नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा का पुलिस ने खुलासा किया है। यह पुरा मामला पुर्व मध्य रेल के सोनपुर डिवीजन का है।अब इस मामले में सोनपुर रेलवे स्टेशन से 2 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस मामले में पुलिस ने इन लोगों के पास से बरामद किया है।

यह आईकार्ड ओरिजिनल की तरह दिख रहा था और इस लिखा हुआ था टिकट कलेक्टर। पुलिस ने दोनों को शक के आधार पर गिरफ्तार किया। वहीं, इस मामले में गिरफ्तार शख्स की पहचान दीपक कुमार तिवारी और सक्षम श्रीवास्तव के रूप में हुआ था। दोनों पश्चिमी चंपारण के रहने वाले थे दोनों के आई कार्ड पर मोहर आईडी नंबर सहित तमाम चीजों का जिक्र आई कार्ड पर था। दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि फर्जी रेलवे में नौकरी बहाली का बड़ा गैंग चल रहा है।

यह गैंग बिहार,झारखंड,उड़ीसा,बंगाल में फैला हुआ है। सोनपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों से पहले पूछताछ की गई फिर मोतिहारी में GRP पुलिस ने छापेमारी की गई इसके बाद एक रेल कर्मी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद यह संभावना जताई जा रही है कि यह एक अंतराजीय रैकेट है जो बेहद बड़े पैमाने पर चलाए जा रहा है।

पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड सहित कई राज्यों में ऐसे लोगों को यह गैंग टारगेट करता है। जो हिंदी भाषी नहीं हो उसे अपने जाल में यह सभी लोग फंसाते हैं। फिर इन लोगों को नौकरी का झांसा देकर इनसे मोटी रकम लेते हैं। कई रेल कर्मियों और अधिकारियों के मिलीभगत की भी आशंका है जिसे पुलिस खंगालने में लगी हुई है।पुलिस को लगा हाथ महत्वपूर्ण सबुत पुलिस ने सोनपुर डीआरएम ऑफिस का एक सीसीटीवी वीडियो बरामद किया है जिसमें गिरफ्तार किए गए आरोपी डीआरएम ऑफिस में आते जाते हुए दिख रहा हैं।

रेल पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि फर्जी नौकरी मामले में इंटरव्यू डीआरएम ऑफिस के एक कमरे में आयोजित किया जाता था। फिर रेलवे के ही अस्पतालों में मेडिकल भी होता था। इसके बाद उनकी ट्रेनिंग भी कराई जाती थी। आरपीएफ का फर्जी रेलवे में बहाली का मामला सोनपुर डिवीजन के अलावा समस्तीपुर और दानापुर डिविजन में भी इनके जाल फैले हो सकते हैं। विभिन्न जगहों पर फर्जी बहाल किए गए लोगों की ट्रेनिंग कराई जाती थी। पूर्वी चंपारण स्थित ग्राम भटहा थाना मुफस्सिल के पप्पू कुमार के मकान में फर्जी तरीके से रेलवे सुरक्षा बल का प्रशिक्षण केंद्र संचालन होता था। पप्पू कुमार के घर में चल रहे कथित कार्यालय की अलमीरा से कई दस्तावेज बरामद हुए हैं। साथ में एक देसी पिस्तौल, एक मैगजीन, 7 जिंदा कारतूस, इसके आफ शोल्डर बैच दो स्टार लगी हुई खाकी वर्दी, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा, फर्जी प्रमाण पत्र सहित कई समान बरामद हुआ है।

मौके से सन्नी कुमार को रेल पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है।पुलिस के द्वारा फर्जी बहाली मामले में जिन पांच लोगों को रेल पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी भी कर रही है। पुरे मामले में देवाशीष बारिक, साहिल कुमार गुप्ता, समय संतोष महतो, दीपक कुमार तिवारी और सचिन श्रीवास्तव शामिल है।

क्या कहते हैं सोनपुर जीआरपी के थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जांच में पता चला कि डीआरएम ऑफिस रेल मंडल सोनपुर में काम करने वाला चंदन कुमार रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी करता था। फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तैयार कर कैंडिडेट को देता था,मोतिहारी के पप्पू कुमार फर्जी तरीके से ट्रेनिंग देता था।

रेलवे के टिकट बुकिंग क्लर्क, टेक्नीशियन, ग्रुप डी आदि के फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे। विभिन्न स्टेशनों पर टिकट काटने हेल्पर के काम की फर्जी ट्रेनिंग देते था। एक दो महीने बाद अपने स्तर से एक दो महीने की सैलरी भी देते थे। फिर मोबाइल बंद कर नया सिम कार्ड लेता थे।
संवाद=डी आलम शेख

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