लालूजी पर सितम ही सितम की बरसात !

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रिपोर्टर.

देवघर कोषागार घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के तीसरे मामले में भी दोषी ठहराते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने 5 साल की कैद तथा 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

लालू यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को भी 5 साल कैद और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

चाईबासा कोषागार घोटाले में बहस 10 जनवरी को पूरी हो गई थी और अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा के मुताबिक, 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत ने आज फैसला सुनाया,सुनवाई के दौरान अन्य आरोपी जगन्नाथ मिश्रा अपनी पत्नी के देहांत के कारण नहीं आ पाए।

चाईबासा कोषागार से भी 1992-93 में 67 फर्जी तरीके से 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी।
,1996 में इस मामले में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हुई थी ।

लालू प्रसाद यादव व डॉ. जगन्नाथ मिश्रा समेत 76 लोगों को आरोपी बनाया गया था,76 में से 14 लोगों का निधन हो चुका है,कई आरोपी सरकारी गवाह बन चुके हैं।
चाईबासा के एक अन्य मामले में लालू यादव को 5 साल कैद की सजा मिल चुकी है।

इस मामले से पूर्व देवघर कोषागार मामले में लालू यादव साढ़े तीन साल की कैद की सजा काट रहे हैं , वे इस समय रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैंबीती 6 जनवरी को रांची की सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला से जुड़े एक मामले (देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी) में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पर इस मामले में पांच लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।

जुर्माना अदा ना करने की सूरत में लालू प्रसाद को और छह माह की सजा भुगतनी होगी अदालत ने 23 दिसंबर, 2017 को इस घोटाले के संबंध में लालू प्रसाद और 15 अन्य को दोषी करार दिया था।

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