वो एक ऐसे नवाब जिन्होंने महज 8साल की उम्र में पहली बार बनाया संबंध 365 बीवियां और एक ही बार में 27 बेगमों को दिया तलाक,अय्याशी के लिए बदनाम
संवाददाता
वो नवाब जिन्होंने 8 की उम्र में पहली बार बनाया संबंध, 14 की उम्र तक 3 रिश्ते; शादीशुदा नौकरानी के पीछे पड़ गए थे
एक साथ 27 बेगमों को तलाक
अय्याशियों के लिए बदनाम।
18 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते नवाब वाजिद अली का इतनी महिलाओं से संबंध बना कि वह खुद भूल गए।. नवाब का बंगला कई किलोमीटर में फैला था, लेकिन नवाब की 365 बीवियों, उनके बच्चों, मंत्री, रसोइयों और नौकर-चाकर के रहने के लिए कम पड़ता था।
वाजिद अली शाह (Wajid Ali Shah) अवध के आखिरी नवाब थे।. वह साल 1847 में गद्दी पर बैठे और 1856 तक रहे।. फिर अंग्रेजों ने उन्हें गद्दी से हटा दिया। सुदीप्ता मित्रा रूपा पब्लिकेशन से प्रकाशित अपनी नई किताब ‘ ए नवाब एंड ए बेगम’ (A Nawab and A Begum) में लिखती हैं कि वाजिद अली शाह का जन्म 30 जुलाई 1822 को फरहत बख़्स पैलेस में हुआ। वो सावन का महीना था।
ज्योतिषियों ने कहा- जोगी बन जाएगा
वाजिद अली (Nawab Wajid Ali Shah) के जन्म के बाद उनकी मां आलिया बेगम ने शाही ज्योतिषियों को बुलवाया और अपने बेटे के भविष्य के बारे में जानना चाहा। ज्योतिषियों ने कहा कि राजकुमार की कुंडली में ग्रह-नक्षत्र ठीक नहीं है।. ज्यादा संभावना है कि वह सब कुछ छोड़-छाड़कर जोगी बन जाएंगे। ज्योतिषियों ने इसकी काट भी बताई। कहा कि अगर राजकुमार अपने हर जन्मदिन पर जोगी का वेश धरें और गेरुआ कपड़ा पहनें तो ग्रह-नक्षत्र बदल सकता है।
सुदीप्ता लिखती हैं कि आलिया बेगम ने छट्ठी (बच्चे के जन्म के छठें दिन होने वाला उत्सव) के मौके पर भी वाजिद अली को बिल्कुल जोगियों जैसा कपड़ा पहनाया। उसके बाद वह हर जन्मदिन पर जोगियों की तरफ गेरुआ कपड़ा पहनते रहे। प्रिंस के जन्मदिन पर जो जलसा होता, वह बिल्कुल निजी होता. किसी बाहरी व्यक्ति को आने की इजाजत नहीं मिलती।. जब नवाब वाजिद अली 24 साल की उम्र में गद्दी पर बैठे तो उन्होंने अपने कुछ करीबियों को जलसे में बुलाना शुरू किया।. साथ ही अवध में जोगी मेला लगवाना भी शुरू किया. जो उनके कलकत्ता निर्वासन तक चलता रहा।
नवाब वाजिद अली शाह की मां आलिया बेगम दिल्ली के एक शाही परिवार से ताल्लुक रखती थीं।. वह जितनी खूबसूरत थीं, उतनी ही कद्दावर भी।. उन्होंने पढ़ाई-लिखाई भी की थी और धड़ल्ले से फारसी बोलती थीं।. आलिया बेगम ने अपने बेटे की पढ़ाई लिखाई में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी और हर तरीके सुविधा मुहैया कराई, लेकिन वह राजकुमार के चंचल स्वभाव को लेकर हमेशा परेशान रहतीं।
8 की उम्र में पहली बार बनाया संबंध
सुदीप्ता मित्रा अपनी किताब में लिखती हैं कि वाजिद अली (Nawab Wajid Ali Shah) जब 8 साल के थे, तब उस छोटी सी उम्र में पहली बार अपनी एक महिला सहायक के साथ शारीरिक संबंध बनाया। इसके बाद वह अपनी अपनी मां की सहायिका के प्रेम में पड़ गए, जो 35 साल की थी।. दोनों का रोमांस करीब 3 साल तक चला। 11 की उम्र में पहुंचने के बाद वाजिद अली, बन्नो साहेब नाम की एक महिला के फेर में पड़ गए, लेकिन वह पहले से शादीशुदा थी।. इसलिए कोई संबंध नहीं बना। इसके बाद प्रिंस बन्नो की बहन हाजी खानम के प्रेम में पड़ गए। वह भी शादीशुदा थी लेकिन सरेंडर कर दिया। प्रिंस के साथ 14 की उम्र तक संबंध बनाती रही।
अय्याशियों के लिए बदनाम
18 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते नवाब वाजिद अली का इतनी महिलाओं से संबंध बना कि वह खुद भूल गए।. इतिहासकार रोजी लेवलेन जोन्स (Rosie Ll
अपनी किताब ‘द लास्ट
किंग इन इंडिया: वाजिद अली शाह’ (The Last King in India: Wajid Ali Shah) में लिखती हैं कि 1857 की क्रांति से पहले नवाब वाजिद अली शाह को अंग्रेजों ने निकाल दिया और उन्हें कलकत्ता के फोर्ट विलियम में रहने को एक बंगला दिया। नवाब ने उस बंगले का नाम ‘सुल्तान खाना’ रखा।
वैसे तो वह बंगला कई किलोमीटर में फैला था, लेकिन नवाब की 365 बीवियों, उनके बच्चों, मंत्री, रसोइयों और नौकर-चाकर के रहने के लिए कम पड़ता था. मजबूरन नवाब को ‘सुल्तान खाना’ के अगल-बगल स्थित दो और बंगलों को किराए पर लेना पड़ा।
एक साथ 27 बेगमों को तलाक
अंग्रेजी हुकूमत नवाब वाजिद अली शाह (Nawab Wajid Ali Shah) को 1 लाख रुपये महीना भत्ता दिया करती थी, लेकिन इस पैसे उनका काम बहुत मुश्किल से चल पाता था। एक बार नवाब की एक बेगम माशूक महल के बेटे ने अंग्रेजों से शिकायत की कि नवाब उसकी मां को गुजारे के लिए पैसा नहीं देते हैं।
रवि भट्ट अपनी किताब The Life and Times of the Nawabs of Lucknow में लिखते हैं कि अंग्रेजी सरकार ने नवाब वाजिद अली शाह को अपनी बेगम का भत्ता 2500 रुपये महीना बढ़ाने का आदेश दिया. नवाब इस बात से इतने नाराज हुए कि उन्होंने अपनी 27 बेगमों को एक दिन एक साथ तलाक दे दिया. कहा कि उनका खर्च नहीं उठा सकते हैं।
संवाद;साहिल खान