शिकायत करने वाली ED से शिकायतकर्ता ने पूछा कि सैकड़ों करोड़ का खर्चा आरएसएस के पास आया कहां से इसकी जांच की जाए

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

सितंबर 2021 में नागपुर में मौजूद ED के ऑफिस में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायत थी बीजेपी के पितृ संगठन आरएसएस (RSS) के खिलाफ़. शिकायत दर्ज कराई थी नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुरे ने

2020 में संघ ने दावा किया था कि जब पूरी दुनिया कोविड महामारी की वजह से घरों में कैद थी, मनुष्य कीट पतंगों की तरह मौत के मुह में समा रहा था – तब संघ के लोग मानवता की सेवा का विश्व रिकॉर्ड बना रहे थे।

बकौल संघ 20 मई 2020 तक इस राष्ट्रवादी संगठन ने एक करोड़ से ऊपर राशन किट बांटे. 7 करोड़ से ज्यादा भोजन पैकेट. 27 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों की मदद की. 47 लाख से ज्यादा संघ के कार्यकर्ता जान की परवाह किए बगैर मनुष्यता की सेवा कर रहे थे।
बाकी सेवाओं का भी बखान भी इस पोस्ट में संलग्न इन्फो-ग्राफिक्स में किया गया था. यह इन्फो-ग्राफिक्स खुद संघ ने तैयार कर ट्वीट किया था।

गौर तलब हो कि आप चाहें तो इन आंकडों पर यकीन भी कर सकते हैं।. हालांकि यकीन परतंत्र ही होता है फिर भी यकीन बनाने वाले की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए।
बताते चलें कि खासतौर से जो संघ का इतिहास जानते हैं उन्हें बखूबी पता है कि झूठ और फरेब इस संगठन की धमनियों में खून की तरह बहता है. मौका पड़ने पर माफी मांग लेना और मजबूत होते ही गोली मार देना या मरवा देना इस संगठन की फितरत में शामिल है।

इतिहास में ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे तब संघ के सर्वोच्च नेताओं ने माफी मांगी है फिर वही काम किया है जिसके लिए माफी मांगी थी।
शिकायत करने वाले ने ED से कहा कि जिस संगठन का कोई बैंक खाता तक नहीं वह इतना बड़ा काम बिना किसी की मदद के कैसे कर सकता है? अगर RSS के दावे सही हैं तो इसमें सैकडों करोड़ का खर्चा आया होगा. इतना पैसा RSS के पास आया कहां से, स्रोत क्या है – इसकी जांच की जाए।

जांच तो छोड़िए. ED ने इस शिकायत का संज्ञान तक नहीं लिया। शिकायतकर्ता ने नागपुर के चैरिटी कमिश्नर से भी पूछा लेकिन दोनों की जुबान – ऐसा लगता है – किसी ने सिल दी है।

स्पष्टीकरण – मित्र नवनीत चतुर्वेदी ने बताया है कि संघ (गैर पंजीकृत संस्था है) का खाता, संघ के नाम पर नहीं बल्कि संघ से जुड़े लोगों के नाम पर खोला जाता है. संघ के लोग पैसा अपने नाम पर इकट्ठा करते हैं लेकिन लगाते हैं संघ के काम में. यह तो और भी बड़ा भ्रष्टाचार है. ED जांच के लिए उपयुक्त विषय।

संवाद: पिनाकी मोरे

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