सत्ता की भूख मिटाए नही मिटेगी , कई घोटालो में घिरे नेताओं के सब धूल जाते है यहां पाप
विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो
भाजपा : पार्टी विद अ डिफरेंस.
हम अक्सर सुनते आए है कि न खाऊंगा न खाने दूँगा ‘ के जुमले वाले प्रधान सेवक जी और उनकी पार्टी किस तरह कथनी और करनी मे पार्टी विद अ डिफरेंस है, आप खुद निष्कर्ष निकाल सकते हैं।
देश के अनेक प्रदेशों में घोटाले करने वाले जीतने भी नेता भाजपा मे शामिल हुए, गंगा नहाकर स्वच्छ हो गये, जिनमें से ये कुछ प्रमुख हैं:
अशोक चव्हाण-
जैसे कि 8 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र पेश कर UPA की सरकार में हुए जो बड़े घोटाले बताए, जिसमें आदर्श घोटाले का जिक्र था। इसके ठीक दूसरे दिन कांग्रेसी कद्दावर नेता अशोक चव्हाण भाजपा मे शामिल हो जाते हैं।
बता दें कि
अशोक चव्हाण आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में आरोपी हैं और ED-CBI उनके खिलाफ जांच कर रही हैं। 8 दिसंबर, 2008 से 9 नवंबर, 2010 तक महाराष्ट्र के CM रहे अशोक चव्हाण को इसी घोटाले की वजह से कुर्सी छोड़नी पड़ी थीM
अब प्रधानमंत्री के दो बयान पर नजर डालिए जो उन्होंने अशोक चव्हाण पर दिए थे:
पहला बयान,
तारीख: 6 अप्रैल, 2019, जगह: नांदेड, महाराष्ट्र
‘महाराष्ट्र में किस तरह इन्होंने एक ‘आदर्श सोसायटी’ बनाने की कोशिश की है। शहीदों के परिवार को धोखा दिया था। इससे नांदेड और पूरा भारत भली-भांति परिचित है। आप जानते हैं न वो कौन है? इस तरह के घोटालों पर नजर रखने के लिए ही हमारी सरकार ने रेरा कानून बनाया है। इससे पहले जैसे काले धन का खेल होता था, वह भी कम हुआ है।’
मोदीजी का दूसरा बयान
तारीखः 30 मार्च, 2014, जगह: नांदेड, महाराष्ट्र
अशोक चव्हाण को लोकसभा का टिकट देना क्या कोई कार्रवाई है? इनकी ‘बेशर्मी’ की हद तो देखो कि कांग्रेस पार्टी कह रही है कि उन्हें (अशोक चव्हाण को) कोई चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकता। कांग्रेस के पास सारे ‘आदर्श’ उम्मीदवार हैं!’
इन्होंने मां भारती की रक्षा करने वाले शहीदों की विधवाओं को लूटने का काम किया है। मैं नांदेड और गुरु गोबिंद सिंह की पवित्र भूमि पर आज शपथ लेकर जाता हूं कि करगिल के शहीदों के परिवार को जिन्होंने लूटा है, उनको नई सरकार छोड़ेगी नहीं।’
उसके बाद अब बात करते है
अजीत पवार जी, जो
महाराष्ट्र के मौजूदा डिप्टी CM हैं ।अजित पवार का नाम 70 हजार करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले के आरोपियों में शामिल था। ये घोटाला 1999 से 2009 तक अजित पवार के सिंचाई मंत्री रहते हुआ था। एंटी करप्शन ब्यूरो ने नवंबर, 2018 में अजित पवार को इस घोटाले के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जून 2023 को मध्य प्रदेश में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहते हैं:
‘अगर मैं एनसीपी की बात करूं, तो एनसीपी पर भी करीब-करीब 70 हजार करोड़ रुपये के घोटालों का आरोप है। महाराष्ट्र स्टेट को ऑपरेटिव बैंक घोटाला, महाराष्ट्र सिंचाई घोटाला, अवैध खनन घोटाला… इनकी लिस्ट भी बहुत लंबी है,
जिन्होंने देश को लूटा है, उसका हिसाब तो होकर ही रहेगा।’
पीएम मोदी के इस बयान के ठीक पांचवे दिन यानी 2 जुलाई को शरद पवार सुप्रीमो की एनसीपी के करीब 40 विधायक पार्टी से टूटकर बीजेपी की महाराष्ट्र में चल रही सरकार का हिस्सा बन जाते हैं। और सत्ता का लुत्फ ले रहे है। इसके अलावा 18 सितंबर 2014 को देवेंद्र फडणवीस का दिया एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल है, इसमें वह कह रहे हैं- अजित पवार चक्की पीसिंग, पीसिंग, पीसिंग ।’
2 जुलाई, 2023 को अजित पवार NCP तोड़कर मौजूदा शिंदे सरकार में शामिल हो गए।
अजीत पवार के उपमुख्यमंत्री बनने के 2 दिन बाद ही 70 हजार करोड़ रु. के सिंचाई घोटाले से जुड़े 9 मामलों की फाइल पुरींतर से बंद कर दी गई?
इसके बाद बात आती है
छ्गन भुजबल जी की
महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री और NCP नेता छगन भी अजित पवार के साथ 2 जुलाई, 2023 को महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार का हिस्सा बने। घोटाले के आरोप में 18 महीने जेल में भी रहे, उन पर 7 केस दर्ज है, मगर जैसे ही शिंदे गुट शिवसेना में चले गए उनके सभी पाप धुल गए ।अब इन से पूछ-ताछ बन्द है,
अब बात करनी पड़ रही सब से फेमस नेता नारायण राणे साहब की
भाव कुछ वषों पूर्व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे कांग्रेस में थे, तब BJP के नेता उन्हें राज्य का सबसे भ्रष्ट नेता कहते थे। 2016 में BJP सांसद किरीट सोमैया ने ED के जॉइंट डायरेक्टर सत्यव्रत कुमार को लेटर लिखकर राणे और उनके परिवार की कंपनियों की जांच की मांग की थी।
नारायण राणे पर अविघना ग्रुप के मालिक और बिल्डर कैलाश अग्रवाल के साथ मिलकर 300 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था। ED ने मामले में जांच शुरू की और कांग्रेस छोड़ने से पहले नारायण राणे को पूछताछ के लिए नोटिस भी दिया था।
राणे ने 21 सितंबर, 2017 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। फिर महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष नाम से एक संगठन बनाया और 15 अक्टूबर, 2019 को इसका विलय BJP में कर दिया। इससे पहले 9 अप्रैल, 2019 को ED ने अविघना समूह के खिलाफ चल रही जांच बंद कर दी थी।
शुभेंदु अधिकारी-
अभी पश्चिम बंगाल में BJP के सबसे बड़े चेहरे शुभेंदु अधिकारी कभी ममता सरकार में कद्दावर मंत्री थे। इसी दौरान CBI ने शारदा घोटाले में उनसे पूछताछ शुरू की थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने शारदा ग्रुप के डायरेक्टर सुदीप्त सेन से फेवर लिया था। शुभेंदु बाद में पत्रकार सैमुअल मैथ्यू के नारदा स्टिंग ऑपरेशन में भी पैसा लेने के आरोप में फंसे थे। 2017 में ED ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी।
2021 के विधानसभा चुनाव से पहले BJP में जाते ही उन्हें क्लीन चिट मिलने लगी। नारदा स्टिंग मामले में ED ने सितंबर, 2021 में चार्जशीट दाखिल की तब इसमें शुभेंदु अधिकारी का नाम निकाल दिया गया!
मुकुल रॉय-
2015 में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल रॉय पर पैसे लेकर शारदा घोटाले में फंसी चिटफंड कंपनी का फेवर करने का आरोप लगा था। मार्च, 2017 को कोलकाता हाईकोर्ट ने केस CBI को सौंप दिया। जांच शुरू ही हुई थी कि मुकुल ने नवंबर, 2017 को BJP जॉइन कर ली। उसके बाद उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया।
2019 में मुकुल रॉय ने दावा किया कि CBI ने इस मामले में उन्हें क्लीन चिट दे दी है।
हार्दिक पटेल-
पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल पर BJP सरकार के दौरान राजद्रोह समेत 30 केस दर्ज किए हुए थे। इसकी वजह से हार्दिक को तड़ीपार भी रहना पड़ा था। आखिर में टांग आकर हार्दिक गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हो गए थे।
BJP जॉइन करने के उपरांत ज्यादातर केस में वे बरी हो चुके हैं। देशद्रोह केस में गुजरात हाईकोर्ट ने 21 अक्टूबर, 2023 को उनका अरेस्ट वारंट खारिज कर दिया था। जनवरी, 2024 में सबूत न मिलने पर हार्दिक को हेट स्पीच के एक केस से बरी कर दिया गया था। हार्दिक अभी वीरमगाम से विधायक हैं।
हिमंत बिस्वा शर्मा-
कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार में वित्त मंत्री रहे हिमंत बिस्वा सरमा को CBI ने शारदा चिटफंड घोटाले में आरोपी बनाया था। सरमा पर आरोप था कि उन्होंने शारदा ग्रुप के डायरेक्टर सुदीप्त सेन से हर महीने 20 लाख रुपए लिए, ताकि ग्रुप का कामकाज बेरोकटोक चलता रहे।
अगस्त, 2014 में हेमंत के गुवाहाटी वाले घर पर CBI ने रेड मारी थी। CBI की एक टीम गुवाहाटी के एक मीडिया हाउस के दफ्तर में भी गई। इस संस्थान की प्रमुख हेमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिनिकी भूयान सरमा हैं। हेमंत से आखिरी बार CBI ने 27 नवंबर, 2014 को पूछताछ की थी। इसके बाद उन्होंने अगस्त, 2015 में BJP जॉइन कर ली। हेमंत बिस्वा सरमा अभी असम के मुख्यमंत्री हैं। BJP में शामिल होने के बाद CBI ने उन्हें कभी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया।
इन सब करतूतों से क्या सिद्धांत, क्या नैतिकता, क्या ईमानदारी, सब कुछ उजागर है पर ऑफ कोर्स….भाजपा : पार्टी विद अ डिफरेंस !
संवाद साभार
विश्वजीत सिंह,पिनाकी मोरे