सिंधुदुर्ग में भरभराकर गिर गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा कौन जिम्मेदार?

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

शिवाजी महाराज, हमने आपको निराश किया है।

महाराष्ट्र के सिंधदुर्ग की घटना हालात के बारे में बहुत कुछ बयां करती है।

मराठा वीरता के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा, जिसका अनावरण खुद प्रधानमंत्री मोदी ने किया था, ढह गई है।

गौर तलब कीजिए कि यह कोई छोटी प्रतिमा नहीं थी, 35 फीट ऊंची थी और इसे बनाने मे 3600 करोड़ रूपया लागत लगा था। मूर्ति जो हमारी विरासत की गवाही के रूप में खड़ी थी। इसके बजाय, यह एक बच्चे के खिलौने की तरह गिर गई, एक शर्मनाक घटना जो कभी नहीं होना चाहिए था।

यह क्यों गिरा?

जिले में भारी बारिश और तेज हवाएं आई थी। लेकिन ईमानदारी से कहें तो यह कोई कुदरत का कृत्य नहीं था, यह शायद घटिया काम और गहरे भ्रष्टाचार का नतीजा है।

अब, आपको क्या लगता है? आगे क्या होगा?

एक समिति बनाई जाएगी, और समिति वही करेगी जो इस देश में समितियां सबसे अच्छा करती हैं- सच्चाई को सफेद करना।
वे जांच करेंगे, वे रिपोर्ट देंगे, और अंत में, सभी को क्लीन चिट मिल जाएगी। ठेकेदार, अधिकारी, राजनेता- किसी को खरोंच भी नही आयेगी। और जो सवाल करने की हिम्मत करेंगे, उन्हे चुप करा दिया जायेगा। “एक मूर्ति ही तो है, इसमें हंगामा क्यों मचा रहे हो?

लेकिन यह सिर्फ एक मूर्ति के बारे में नहीं है, यह शिवाजी महाराज के अपमान के बारे में है। मराठा शासन जो कभी शिवाजी महाराज द्वारा रखी गई नींव पर बना था, वह लुप्त हो रहा है। शिवाजी महाराज ने अत्याचार, भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आज, ऐसा लगता है कि सत्ता उनके आदर्शो को भूल गई हैं। शिवाजी महाराज अगर आज होते तो शिंदे-भाजपा-अजित सरकार की असफलताओं को कभी माफ नहीं करते।

संवाद;पिनाकी मोरे

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT