सुरक्षा तैनाती के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रही, कोयला और लोहा चोर सुरक्षा के नाम पर, वेकोली इनके पीछे करती है करोड़ों खर्च
दमुआ,जुन्नारदेव,गुड़ी अंबाडा
विशेष संवाददाता एवं जिला ब्यूरो
सुरक्षा तैनाती की ऐसी तैसी, नही थम रही कोयला और लोहा चोर सुरक्षा के नाम पर वेकोलि इनके पीछे करती है करोड़ो रुपए खर्च
दमुआ /जुन्नारदेव/ गुड़ी अंबाडा
पालाचौरई साइडिंग में सी आई एस एफ की तैनाती बिल्कुल समझ से परे है, जबकि वर्तमान समय में करीब छः माह से मुआरी भूमिगत खदान में उत्पादन पुरी तरह से बंद है। जिसके कारण पालाचौरई साइडिंग में कोल परिवहन भी नहीं किया जा रहा है एवं यहा पर वेकोलि का कोई भी कीमती सामग्री नही है, तैनात। सी. आई एस एफ के जवान दिन में दस, ग्यारह बजे फोर व्हीलर वाहनों में बैठकर आते हैं ,और अपना कुछ समय काटते है।
फिर वापस चले जाते हैं, जबकि वेकोलि द्वारा इनके ऊपर प्रतिवर्ष करोड रुपए खर्च करती है ।
सनद रहे कि कन्हान क्षेत्र में 15 से 20 साल पूर्व दर्जनो कोयले की आंडर ग्राउंड एवं ओपन कास्ट खदाने संचालित थी। साथ इन खदानों में कार्य करने वाले हजारो की तादाद में कामगारों का मैनपावर था, जो खदानों में कार्य कर हजारों टन कोयले का उत्पादन भी होता था जो अब लगभग क्षेत्र की सारी खदानें बंद हो गई है।
बताया जाता हैं कि उपक्षेत्र अंबाड़ा का वर्तमान समय का इतिहास देखें तो पता चलता है कि क्षेत्र की सभी कोयले की खदानें बंद हो चुकी हैं। बस शारदा भूमिगत कोयला खदान चल रही है, जो अभी शुरूआती दौर में है। यहा पर पर्याप्त मात्रा में मैनपावर तो है लेकिन अधिक उत्पादन के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। वही दूसरी तरफ मुआरी अंडर ग्राउंड माइंस में भी 6 माह से अधिक समय से उत्पादन पुरी तरह से बंद है। लेकिन कोल माफिया के द्वारा दर्जनो मजदूरों को लगाकर कोयला का अवैध उत्खनन ओपन कास्ट, धाऊ और पंखा घर के आसपास खुलेआम संचालित हो रहा है। जिस पर रोक लगाने में सी आई एस एफ और वेकोलि की सुरक्षा नाकाम साबित हो रही है।
उपक्षेत्र अंबाड़ा की तरह समूचा कन्हान क्षेत्र भी खदान विहीन हो गया है, खदानें बंद होने से जहाँ क्षेत्र वीरान हो गया है। यहाँ कार्यरत कामगारों को जहाँ बाहर क्षेत्र में स्थानांतरण किया जा रहा है वही कन्हान क्षेत्र पेंच क्षेत्र में समावेश करने की तैयारी चल रही है। जब कन्हान क्षेत्र एवं अधीनस्थ उपक्षेत्र अंबाड़ा खदान विहीन हो गया है, और कोल माफिया के द्वारा बंद खदानों में कब्जा कर अवैध रूप से कोल उत्खनन खुलेआम किया जा रहा हैं। इस पर अंकुश लगाने भी एक चुनौती के समान है। कोल माफिया के सामने सी आई एस एफ की तैनाती और सुरक्षा बेकार साबित हो रही है। फिर भी इस क्षेत्र में सी आई एस एफ के जवान तैनात है,
नागपुर मुख्यालय अध्यक्ष सहप्रबंधक निदेशक ( सी. एम.डी. ) का यह निर्णय समझ से परे है मात्र इनकी तैनाती पर वेकोलि का प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है । सुरक्षा में तैनात गनमैन के जवानों द्वारा 5 वर्ष में 5 मामले भी नहीं बना पाई है न ही क्षेत्र में खुलेआम संचालित हो रहे अवैध कोयला कारोबार पर रोक लगा पाई है। सी आई एस एफ जैसे पालाचौरई साइडिंग में तैनात है, जबकि यहाँ पर वेकोलि की अब कोई भी सामग्री नही है इस स्थान पर तैनाती से वेकोलि प्रबंधन का कोई हित नही है यदि तैनाती रखना ही है तो संचालित भूमिगत शारदा खदान में रखना चाहिए जहा वेकोलि की करोड़ों रुपए की सम्पत्ति है साथ ही उक्त खदान एकान्त क्षेत्र ( जंगल ) में है, जहाँ पर चोर एवं तत्वों का सदैव भय बना रहता है।
संवाद
मनोज डोंगरे – जिला ब्यूरो