हम दो हमारे बारह फिल्म के खिलाफ उठी आवाज, हुकूमते हिंद से फिल्म पर पाबंदी लगाने की अपील
प्रेस विज्ञप्ति
खानकाहे क़ादरिया रज़वीया नूरिया तहसीनिया, अल्लामा तहसीन रज़ा खान रोड, पुराना शहर बरैली शरीफ l
विषय :” हम दो हमारे बारह” फ़िल्म के खिलाफ उठी आवाज़, हुकूमत ए हिन्द से इस पर पाबन्दी की मांग
खानकाहे रज़वीया नूरिया तहसीनिया के प्रवधक एवं इत्तेहाद ए अहले सुन्नत मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सोहैब रज़ा खान ने एक बयान जारी करते हुई कहा कि आपत्ति जनक फ़िल्म ” हम दो हमारे बारह ” एक इस्लामोफोबीक मानसिकता से ग्रस्त लोगो द्वारा बनाइ गई फ़िल्म है। जिसमे क़ुरान ए पाक की आयात का गलत तर्जुमा कोट्स किया गया है और इस्लाम और मुस्लमानो का मज़ाक बनाया गया है।
यह फ़िल्म आगामी 7 जून को रिलीज़ होना है। इसकी रिलीज़ को सोहैब मिया ने शांति व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बताकर इसपर हुकूमत से पुरे हिंदुस्तान मे पाबन्दी आयद करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि आए दिन कभी हमारे नबी (सल्लाहोंअलेहै वसल लम) की शान मे गुस्ताखाना फिल्म्स वेस्ट मीडिया की जानिब से बनाई जाती रही। कभी हलाला और शरीयत ए इस्लामिया का मज़ाक बनाने की नापाक साज़िशे की गई।
,इस्लाम और मुस्लमानो के खिलाफ इस तरह की झुट्ठी और भद्दी कहानी पर आधारित फिल्मे बनी पर यह इस्लाम दुश्मन ताक़ते अपने मक़सद मे कामयाब कभी ना हो सकी।
अब साज़िशन डायरेक्टर कमल चंद्र, प्रोडूसर राधिका फिलिप्स, न्यू टैक मीडिया एंटरटेनमेंट, वाई कोम स्टूडियो द्वारा यह फ़िल्म लाई जा रही है, जिसमे क़ुरान की अयात का गलत तर्जुमा कर औरतों को इस्लाम मे उनके हुकुक को दबाने का भद्दा प्रोपोगंडा करता इसका ट्रेलर मंज़रे आम पर आ चूका है।
हालांकि हक़ीक़त इसके बिलकुल उलट है। जितने हुकुक और इज़्ज़त औरतों को इस्लाम मे दी गई है वोह कही नहीं देखने को मिलती। बस बात इतनी सी है कि मज़हब ए इस्लाम बेहयाई और बेपरदगी से रोकता है। इस्लाम औरतों और मर्दो दोनों को पाक़ीज़ा ज़िन्दगी जीने का दर्स देता है।
लिहाजा हमारी मांग है कि इस फ़िल्म की रिलीज़ पर सख्ती से पाबन्दी आयद की जाए। ज़रूरत पड़ी तो इत्तेहाद ए अहले सुन्नत मिशन इसके डायरेक्ट
र और ज़िम्मेदारान को क़ानूनी नोटिस भेजेगी।
फिलहाल तमाम लोग वाई कोम स्टूडियो के इंस्टाग्राम आई डी पर इसके खिलाफ अपना मैसेज भेज कर विरोध दर्ज करवाए।